नक्सली संदेश पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित

दुग्धा की घटना के बाद सक्रिय हुई पुलिस, डीजीपी ने जारी किया पत्र रोहतास व कैमूर में कुल 11 मामले हैं दर्ज सासाराम/भभुआ : गत 15 फरवरी को दुग्धा में लेवी के लिए वन विभाग द्वारा कराये जा रहे सड़क निर्माण में लगे अर्थमूवर व ट्रैक्टर को जलाने व कर्मियों के साथ मारपीट की घटना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 1, 2017 8:44 AM
दुग्धा की घटना के बाद सक्रिय हुई पुलिस, डीजीपी ने जारी किया पत्र
रोहतास व कैमूर में कुल 11 मामले हैं दर्ज
सासाराम/भभुआ : गत 15 फरवरी को दुग्धा में लेवी के लिए वन विभाग द्वारा कराये जा रहे सड़क निर्माण में लगे अर्थमूवर व ट्रैक्टर को जलाने व कर्मियों के साथ मारपीट की घटना को अंजाम देनेवाले नक्सली अनिल कुशवाहा उर्फ संदेश उर्फ रंजीत मिश्रा के ऊपर राज्य सरकार ने 50 हजार का इनाम घोषित किया है. जो भी व्यक्ति चाहे वह आम आदमी हो या पुलिसकर्मी उक्त नक्सली के बारे में सूचना देता है या पकड़वाता है, उसे सरकार की तरफ से 50 हजार रुपये का इनाम दिया जायेगा. इसकी घोषणा डीजीपी पीके ठाकुर द्वारा की गयी है. इसका विधिवत आदेश 23 फरवरी 2017 को डीजीपी द्वारा जारी किया गया.
टीपीसी का एरिया कमांडर है संदेश: 15 फरवरी को कैमूर जिले के अधौरा थाना क्षेत्र अंतर्गत दुग्धा में नक्सली संगठन टीपीसी के एरिया कमांडर अनिल कुशवाहा उर्फ संदेश ने अपने संगठन के सदस्यों के साथ घटना को अंजाम दिया था. उक्त घटना के कुछ दिन पूर्व ही रोहतास जिले के चेनारी थाना अंतर्गत पड़ियारी में अर्थमूवर व पोकलेन जला दिया गया था.
कैमूर व रोहतास में लगातार नक्सली घटनाओं को अंजाम दिये जाने के बाद उक्त नक्सली के ऊपर सरकार ने इनाम की घोषणा की है. संदेश के ऊपर रोहतास व कैमूर में कुल 11 मामले दर्ज हैं. वह पांच मामलों में फरार चल रहा है. अधौरा थाना क्षेत्र के दुग्धा में नक्सली घटना के बाद कैमूर एसपी ने उक्त घटना की रिपोर्ट बनाकर पुलिस मुख्यालय व गृह विभाग को भे जी थी. इसके बाद गृह विभाग से मंजूरी मिलने पर डीजीपी ने उक्त नक्सली के ऊपर इनाम की घोषणा की. नक्सली अनिल कुशवाहा उर्फ संदेश कैमूर जिला के भगवानपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत कसेर गांव निवासी रामसुभग सिंह का बेटा है.
वर्तमान में वह नक्सली संगठन टीपीसी का एरिया कमांडर बना है. पहले वह नक्सली संगठन एमसीसी से जुड़ा हुआ था और 2012 में उसने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण भी किया था. जेल से छूटने के बाद अजय राजभर का नक्सली संगठन टीपीसी का दामन थाम लिया और लेवी के लिए अपने नेतृत्व में रोहतास व कैमूर में नक्सली घटनाओं को अंजाम देने लगा.

Next Article

Exit mobile version