चाचा याद रखियेगा यह मेरी बीवी है
सासाराम. शहर का वार्ड नंबर 15 घनी आबादी वाला वार्ड है. यह महिलाओं के लिए आरक्षित है. आलम यह कि धाकड़ भी पत्नी के पीछे. राजनीति का चस्का लगा है. वार्ड ने पानी से पैसा बनते देखा है. सरकारी योजना से रुपया मिलते देखा है. राशन-केरोसिन की दुकानों पर धाक देखा है. थाना पर चलती […]
सासाराम. शहर का वार्ड नंबर 15 घनी आबादी वाला वार्ड है. यह महिलाओं के लिए आरक्षित है. आलम यह कि धाकड़ भी पत्नी के पीछे. राजनीति का चस्का लगा है. वार्ड ने पानी से पैसा बनते देखा है. सरकारी योजना से रुपया मिलते देखा है. राशन-केरोसिन की दुकानों पर धाक देखा है.
थाना पर चलती देखी है. यह देख गोया पलटुआ भी पत्नी को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी में है.
कल तक बीबी को खिड़की पर देख तेवरी चढ़ाने वाला, अब उसे बाहर की हवा खिलाने लगा है. हिजाब, बक्से में बंद हो गयी. मुहल्ले में कहते फिर रहा है, चाचा याद रखिएगा, मेरी बीबी है. आपकी अपनी है. अपके लिए नगर पर्षद में लड़ेगी. आपकी सेवा करेगी. चाचा भी कम चिड़िमार नहीं. हटते ही बोले-बेटा हमने दुनिया देखी है. अपनी बीबी तो सुनती नहीं. तेरी क्या खाक सुनेगी. तूने तो अपनी कमाई में से छेदाम तक नहीं दिया. काम के बदले माल लिया है. अब बीबी के पीछे अपना चेहरा छिपा रहा है. उसकी कमाई पर तेरी नजर है.