शवयात्रा में उमड़ा सैलाब, फूट-फूट कर रोया माहौल
शहादत. तिरंगा लहराते पहुंचे लोग, भारत माता की जय से गूंजा कृष्ण कुमार पांडेय का चेनारी लोगों ने कहा-शहीद के खून का एक-एक कतरा वीर जवानों को ताकत देगा रोहतास-कैमूर की सीमा पर सबार गांव स्थित दुर्गावती नदी तट पर भतीजे प्रिंस ने दी मुखाग्नि चेनारी (रोहतास) : शहीद कृष्ण कुमार अमर रहें, शहीद के […]
शहादत. तिरंगा लहराते पहुंचे लोग, भारत माता की जय से गूंजा कृष्ण कुमार पांडेय का चेनारी
लोगों ने कहा-शहीद के खून का एक-एक कतरा वीर जवानों को ताकत देगा
रोहतास-कैमूर की सीमा पर सबार गांव स्थित दुर्गावती नदी तट पर भतीजे प्रिंस ने दी मुखाग्नि
चेनारी (रोहतास) : शहीद कृष्ण कुमार अमर रहें, शहीद के खून का एक-एक कतरा वीर जवानों को ताकत देगा, वंदे मातरम्, भारत माता की जय. इस तरह के गगनभेदी नारे चेनारी के हाइस्कूल प्रांगण में बुधवार को गूंजते रहे. इस दौरान सभी की आंखें भीगी हुई थीं, पूरा माहौल फूट-फूट कर रो रहा था. छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले में रोहतास के चेनारी थाने के भरनदुआ गांव के स्व संजय पांडेय के सबसे छोटे बेटे सीआरपीएफ जवान कृष्ण कुमार पांडेय का पार्थिव शरीर बुधवार को चेनारी पहुंचा, तो अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा. तिरंगा लहराते लोग नारे लगाने लगे.
हाइस्कूल के प्रांगण में तिरंगे में लिपटे शहीद के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया. परिजनों के साथ डीएम, एसपी, विधायक, सीआरपीएफ जवान व लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित किये.
इसके बाद सैनिकों ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इसके बाद चेनारी बाजार के इंदिरा चौक, गांधी चौक सहित पूरे बाजार में शव यात्रा निकाली गयी. शवयात्रा में हजारों की भीड़ नारा लगाते हुए चल रही थी. शवयात्रा बाजार से निकल लांजी गांव होते हुए रोहतास व कैमूर की सीमा पर सबार गांव के दुर्गावती नदी के तट पर स्थित श्मशान घाट पहुंची. लोगों में नक्सलियों व आतंकियों के प्रति भारी आक्रोश झलक रहा था. शहीद कृष्ण कुमार पांडेय को उनके भतीजे प्रिंस ने मुखाग्नि दी. श्मशान घाट पर घंटों लोग जमे रहे.
नहीं दिखे सत्तापक्ष के कोई विधायक या मंत्री : शहीद कृष्ण कुमार पांडेय के पार्थिव शरीर को रिसीव करने के लिए राज्य सरकार का न कोई मंत्री और न ही रोहतास जिले के छह विधानसभा क्षेत्रों के महागंठबंधन का कोई विधायक पहुंचा. इसको लेकर चेनारी के लोगों में घोर असंतोष दिखा. शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे सासाराम लोकसभा क्षेत्र के सांसद छेदी पासवान ने कहा कि राज्य सरकार शहीदों की शहादत पर भी राजनीति कर रही है. शहीदों को श्रद्धांजलि देने में भी उन्हें परेशानी हो रही है. श्री पासवान ने कहा कि नक्सलियों का कोई सिद्धांत नहीं होता. वह व्यवस्था बनाने का नहीं, बिगाड़ने का काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि शहीद की पत्नी की मांगों को केंद्र सरकार के समक्ष रखेंगे. वहीं, चेनारी विधानसभा क्षेत्र के विधायक ललन पासवान ने कहा कि बिहार के विभिन्न जिलों के छह जवान शहीद हुए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री, न ही किसी मंत्री का अता-पता है. न मुख्यमंत्री और न ही कोई मंत्री किसी भी शहीद के घर पर पहुंचे और न ही एयरपोर्ट पर शहीदों के शव को रिसीव करने या गार्ड ऑफ ऑनर के दौरान उपस्थित हुए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शहीदों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. अभी तक सरकार की ओर से कोई बयान भी नहीं आया है. उन्होंने कहा कि रोहतास जिले के सात में से छह विधानसभा क्षेत्रों में महागंठबंधन के विधायक हैं, लेकिन एक भी इसमें शामिल नहीं हुए.
पत्नी ने सरकार से लगायी भरण-पोषण की गुहार
छत्तीसगढ़ के सुकमा के जंगल में नक्सलियों से लड़ते देश के लिए शहीद हुए चेनारी के भरनदुआ गांव के सपूत कृष्ण कुमार पांडेय के परिवार के समक्ष भरण-पोषण की समस्या आ खड़ी हुई है. तीन वर्ष पूर्व ब्याह कर आयी शहीद की पत्नी अनीता पांडेय ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख अपनी व्यथा बतायी है.
पत्र में शहीद की पत्नी ने लिखा है कि उनके, उनकी सात माह की बच्ची, विधवा मां (सास) और शहीद कृष्ण के चार बेरोजगार भाइयों के समक्ष भरण-पोषण की समस्या आ खड़ी हुई है. भरण-पोषण व बच्ची के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक पेट्रोल पंप या गैस एजेंसी आवंटित की जाये. सरकारी नौकरी, शहीद का एक स्मारक हाइस्कूल चेनारी में स्थापित किया जाये. परिवार के भरण-पोषण के लिए ढाई एकड़ जमीन आवंटित की जाये. शहीद के नाम पर चेनारी-शिवसागर रोड पर गेट व शहीद के घर तक पक्की सड़क का निर्माण कराया जाये. शहीद की पत्नी ने उक्त पत्र की प्रतिलिपि सरकार के मुख्य सचिव, जिलाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी व अंचलाधिकारी को प्रेषित की है.
शहीद के परिजनों को मिली सहायता राशि: शहीद कृष्ण कुमार पांडेय के परिजनों को प्रखंड विकास पदाधिकारी राजेश कुमार ने पांच लाख रुपये का चेक सरकार की ओर से प्रदान किया. वहीं, सीआरपीएफ 74वें बटालियन के कमांडेंट धीरेंद्र वर्मा ने कंपनी की ओर से 58 हजार रुपये बतौर सहायता राशि प्रदान की.
चाचा ने देश के लिए जान गंवा दी वह अमर हो गये
मेरे चाचा को देश के दुश्मनों ने मार डाला. उन्होंने देश की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी. यह हमारे लिए गर्व की बात है. मेरे चाचा वीरगति को प्राप्त हुए. वे अमर हो गये हैं. उन पर गोली चलानेवाले विदेशी नहीं, अपने ही देश के लोग हैं. इतना कह कर शहीद कृष्ण की भतीजी पूजा रो पड़ी. उसने इस हमले में शहीद हुए जवानों व बरबाद हुए परिवारों के लिए सरकार को जिम्मेवार ठहराते हुए कहा कि नक्सलवाद की समस्या का समाधान करने में सरकार की नीति विफल है. चाचा जैसे कई वीर जवान हैं, जो सरहद पर अपनी मातृभूमि को दुश्मनों से बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे रहे हैं.
वीर की शहादत पर हर कोई रोया
शहीद कृष्ण कुमार पांडेय की शहादत पर पूरा चेनारी रो पड़ा. अपने वीर सपूत के अंतिम दर्शन को आये ग्रामीणोंकी आंखें नम रहीं. शहीद का शव घर के दरवाजे पर रखा गया, तो मां शकुंतला के सब्र का बांध टूट गया. वह दहाड़ मार कर रो पड़ीं.
वहीं, पत्नी अनीता, भतीजी पूजा सहित घर व गांव की महिलाओं के क्रंदन से माहौल और गमगीन हो गया. शहीद के बड़े भाई अशोक पांडेय अपने आंखों में आंसू को छिपाने की कोशिश कर रहे थे. छोटे भाई के पार्थिव शरीर को जमीन पर बैठ एक टक निहारे जा रहे थे. कुछ महिलाएं सात माह की अदिति को देख कहती रही, वाह रे भगवान की लीला. इस मासूम की क्या गलती है? जिसने अपने पिता को पहचाना भी नहीं कि उसके सिर से उसका साया उठ गया.