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Bihar Land Survey: रसीद में गड़बड़ियों की भरमार, रैयतों के छूट रहे पसीने, जानें सीओ ने क्या कहा

Bihar Land Survey: बिहार में चल रहे भूमि सर्वेक्षण के दौरान सबसे ज्यादा परेशानी उन किसानों को हो रही है, जिनकी जमीन उनके पूर्वजों के नाम से है. इस तरह के परिवार के कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्हें अपनी जमीन का खाता, प्लॉट व रकबा के बारे में मौखिक जानकारी नहीं है.

Bihar Land Survey: रोहतास के चेनारी अंचल में भूमि सर्वेक्षण का काम शुरू हो चुका है. आवेदन जमा किये जा रहे हैं. ऐसे में जमीन मालिक अपनी रसीद निकालने में लगे हैं. लेकिन, रसीद में गड़बड़ियों की भरमार है. उसे ठीक कराने में रैयतों के पसीना छूट रहे हैं. सुधार के लिए कई ने परिमार्जन पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन भी दिया है. बावजूद इसके समय पर गड़बड़ियों को ठीक नहीं किया जा रहा है. 40 फीसदी से अधिक रसीदों में अब भी रकबा, खाता और खसरा गलत दर्ज है.

कुछ स्पष्ट पता नहीं चल रहा

भू-सर्वेक्षण का काम शुरू होते ही गड़बड़ियों को ठीक कराने के लिए भूस्वामी कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं. बादलगढ़ के रामलाल चेरों ने आवेदन भरने के लिए बुधवार को साइबर कैफे से अपनी भूमि के ऑनलाइन दस्तावेज व रसीद की प्रतियां निकाली हैं. इसमें रकबा, खाता व प्लॉट नंबर सभी गलत दर्ज थे. वे इसके कारणों का पता करने कार्यालय पहुंचे, तो वहां से जानकारी मिली कि राजस्व कर्मचारी के पास जमीन से संबंधित जो दस्तावेज उपलब्ध हैं, वह कटे-फटे अवस्था में हैं. इसी अवस्था में दस्तावेज को ऑनलाइन कर दिया गया है. इसकी प्रति निकालने पर कुछ स्पष्ट पता नहीं चल रहा है.

इस वजह से हो रही सबसे ज्यादा परेशानी

सबसे ज्यादा परेशानी उन किसानों को हो रही है, जिनकी जमीन उनके पूर्वजों के नाम से है. इस तरह के परिवार के कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्हें अपनी जमीन का खाता, प्लॉट व रकबा के बारे में मौखिक जानकारी नहीं है. वे आसपास के लोगों से इसकी जानकारी लेकर दस्तावेज निकालने में लगे हैं. वैसे दस्तावेज में भी काफी गलतियां हैं. उसे सुधारने में उनके पसीने छूट रहे हैं. इस तरह के रैयतों व किसानों का कहना है कि जब तक दस्तावेज में सुधार नहीं होगा, तब तक सर्वे का पूरा काम कराने में दिक्कत होगी. काफी किसानों ने सुधार के लिए परिमार्जन और दाखिल-खारिज के लिए दो सप्ताह पहले ही आवेदन दिया है. लेकिन, अब तक उसे सही नहीं किया गया है.

नायकपुर के किसान बबलू सिंह यादव ने बताया कि वे कुछ माह पहले ही अपनी सारी भूमि की ऑफलाइन रसीद कटा चुके हैं. सभी मालगुजारी जमा है. लेकिन, जब ऑनलाइन खाता की मालगुजारी की अद्यतन रसीद कटाई, तो एक खाता में 16 वर्ष, तो दूसरे खाता में छह वर्ष की मालगुजारी नहीं दिख रही है. किसानों ने बताया कि किसी का प्लॉट नंबर नहीं दिख रहा है. किसी की जमीन की रकबा अधिक है, तो किसी की कम चढ़ा दी गयी है. ऑनलाइन कागजात निकालने पर उसमें काफी गड़बड़ियां मिल रही हैं. इन गलतियों को ठीक कराने में किसानों के पसीने छूट रहे हैं. आवेदन भरने के लिए साइबर कैफे से लेकर अंचल कार्यालय और सर्वे दफ्तर तक किसानों की काफी भीड़ लग रही है. किसानों का कहना है कि जब तक भूमि के कागजात की गलतियों की सुधार नहीं हो जाती है, तब तक सर्वे अधिकारियों के पास त्रुटिपूर्ण भूमि का कागजात जमा करने से किसानों को सर्वे का लाभ नहीं मिल सकेगा.

क्या बोली सीओ

चेनारी सीओ पूजा शर्मा ने कहा कि जिन किसानों के ऑनलाइन दस्तावेज में त्रुटियां हैं, उनमें सुधार के लिए परिमार्जन प्लस का काम चल रहा है. इसके माध्यम से रकबा, खाता, प्लॉट आदि का सुधार किया जा रहा है. किसानों को कोई दिक्कत नहीं होगी. आवेदनों का तेजी से निबटारा किया जा रहा है. गलती सुधार के लिए आवेदक परिमार्जन प्लस पोर्टल पर तुरंत ऑनलाइन आवेदन करें.

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