रोहतास में ऐतिहासिक सामूहिक विवाह का आयोजन, वर-वधू के 55 जोड़ों ने एक साथ लिए सात फेरे
रोहतास जिला के कोचस के बाबूगंज स्थित मैदान में ऐतिहासिक सामूहिक विवाह का आयोजन हुआ. यहां वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हिंदू रीति रिवाज से शादी संपन्न हुई. इस दौरान आकर्षक रोशनी से तिलौथू का बाबूगंज मैदान जगमगा उठा. इस आयोजन के दौरान 20 हजार से अधिक लोगों के भोजन की व्यवस्था थी. तिलौथू की सड़कों पर जमकर नाचे सभी बराती
राकेश कुमार राही, तिलौथू (रोहतास). स्थानीय बाबूगंज के मैदान में सर्वजन कल्याण संस्थान के तत्वावधान में आयोजित सामूहिक विवाह में हिंदू रीति रिवाज के तहत वैदिक मंत्रोच्चार के बीच रविवार की रात 55 जोड़े वर-वधुओं ने सात फेरे लिये और एक दूजे के हो गये. कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों द्वारा मंच से उद्घोषणा भी की गयी. कार्यक्रम का उद्घाटन सासाराम के पूर्व विधायक डॉ अशोक कुमार सिंह ने फीता काटकर किया. काफी आधुनिक अंदाज में मुख्य अतिथि को ड्रोन के जरिये कैंची पकड़ायी गयी.
बाबूगंज का मैदान वर पक्ष व कन्या पक्ष के लोगों द्वारा खचाखच भरा हुआ था. काफी आकर्षक ढंग से मैदान की सजावट की गयी थी. रंग-बिरंगी रोशनी अद्भुत छटा बिखेर रही थी. लोगों में काफी उल्लास दिख रहा था. 20 हजार से भी अधिक की संख्या में लोग इस मैदान में 55 जोड़ी शादी के गवाह बने.
इस महायज्ञ के उद्घाटनकर्ता अशोक कुमार सिंह ने कहा कि सर्वजन कल्याण संस्थान के अध्यक्ष योगेंद्र कुशवाहा ने इतना बड़ा नेक काम करके अपने मानव जीवन को सफल बना दिया. एक मानव के लिए इससे बड़ा कोई धर्म नहीं है. योगेंद्र का काम अति सराहनीय है. समाज में चंद लोग ही ऐसे होते हैं, जो इतना महान कार्य करते हैं. यह यज्ञ ही नहीं, एक महायज्ञ है.
इसके बाद राजपुर की जिला पार्षद ने मंच से उद्बोधन करते हुए कहा कि अभी तुरंत महाशिवरात्रि का पर्व बीता है और आज बड़े सौभाग्य की बात है कि 55 बेटियां सुहागन बनीं और इतने सारे लोग इनकी शादी के गवाह बने. कार्यक्रम में तिलौथू के जाने-माने शिक्षाविद ओमप्रकाश गुप्ता उर्फ ओम जी एवं भोजपुरी के बहुचर्चित कवि डॉ बैजनाथ सिंह बटोही का स्वागत कमेटी के लोगों ने मेमेंटो व अंगवस्त्र देकर किया. मौके पर तिलौथू की जिला पार्षद विमला कुंवर, सुनीता कुशवाहा समेत कई महिला नेत्री भी जुटी थीं. पूरे तिलौथू प्रखंड के लोग उल्लासपूर्वक इस सामूहिक विवाह में वर पक्ष व कन्या पक्ष का मजबूती से सहयोग करते हुए देखे गये.
55 जोड़ी वर पक्ष व कन्या पक्ष के रहने के लिए अलग-अलग बनाये गये थे पंडाल
वर पक्ष व कन्या पक्ष के लिए अलग-अलग पंडाल बनाये गये थे. सभी पंडालों की नंबरिंग भी की गयी थी. इनमें 55 जोड़ी परिवारों के वर पक्ष व कन्या पक्ष के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गयी थी. बीच में बहुत बड़ा विवाह मंडप बनाया गया था, जिसमें 55 जोड़ी वर व कन्या वैवाहिक कार्यक्रम में शरीक हुए. इसी मंडप में 55 वर ने कन्याओं को सिंदूरदान किया. काफी मार्मिक व भावुक पल था, जब 55 बेटियों की मांगलिक कार्य एक मैदान में संपन्न हो रहा था.
महिला व पुरुषों के लिए अलग-अलग था भोजनालय
सर्वजन कल्याण संस्थान की ओर से आयोजित यह महायज्ञ के रूप में सामूहिक विवाह कार्यक्रम में महिलाओं व पुरुषों के लिए अलग-अलग भोजनालय की व्यवस्था की गयी थी. और बीस हजार से अधिक लोगों के लिए सुस्वादु भोजन की व्यवस्था की गयी थी. भोजन में जीरा फ्राई चावल, तड़का, आलू गोभी की सब्जी, मिक्स वेज सब्जी, मटर पनीर, कचौड़ी, मिष्ठान, सलाद इत्यादि की व्यवस्था सर्वजन कल्याण संस्थान ने सारे लोगों के लिए किया था.
रंग-बिरंगी रोशनी से सजा था बाबूगंज का मैदान
इस सामूहिक विवाह को आकर्षक रूप बाबूगंज के मैदान में लगी रंग-बिरंगी रोशनी अद्भुत छटा बिखेर कर दे रही थी. लाल पीले दूधिया व गोल्डन रोशनी से पूरे बाबूगंज मैदान को सजाया गया था. पूरा बाबूगंज मैदान सतरंगी रोशनी में जगमगा उठा था. गेट लाइट, एलईडी बल्ब से पूरे मैदान को सजाया गया था. मंच को भी आकर्षक रोशनी से सजाया गया था. इंडिकेटर लाइट लोगों को बाबूगंज मैदान में आने के लिए इंडिकेट कर रहा था.
बरात लगाने के लिए रथ की हुई थी व्यवस्था
सभी दूल्हे राजा रथ पर चढ़कर बरात लगाने निकले. गजब का दृश्य था, जब 55 की संख्या में दूल्हे राजा रथ पर सवार होकर तिलौथू की सड़कों पर नाचते-गाते हुए बराती नजर आये. बरात बाबूगंज के मैदान से चलकर ठाकुरबाड़ी मंदिर पर आयी. वहां पर दूल्हे द्वारा इष्ट देवता को प्रणाम करने के बाद पुनः बरात गाजे-बाजे के साथ रोशनी युक्त रथ पर सवार होकर दूल्हे राजा व बराती पुनः बाबूगंज के मैदान में लौट गये. इसके बाद बरात लगायी गयी और वैवाहिक कार्यक्रम प्रारंभ किये गये.
सामूहिक विवाह में बरातियों ने जमकर लगाये ठुमके
डीजे के धुन और बैंड बाजे बरातियों में महिला व पुरुषों ने खूब जमकर ठुमके लगाये. गजब का शोभायमान दृश्य था. जब तिलौथू की सड़कों पर बाबूगंज के मैदान से निकले इस बरात में 55 दूल्हे के बरातियों में शामिल महिला व पुरुषों ने डीजे की धुन व बैंड बाजे और भोजपुरी गाने पर जमकर ठुमके लगाये.
भोजपुरी कलाकारों ने बिखेरा जलवा
बाबूगंज के मैदान में आयोजित सामूहिक विवाह में आये कई भोजपुरी कलाकारों ने जमकर जलवा बिखेरा. अरवल से आये प्रसिद्ध विवाह गीतों के लिए प्रसिद्ध भोजपुरी गायक ओमप्रकाश अकेला उर्फ बिल्डरवा के पापा ने बेटी गै पायल पहिर बगिया जन जाइहे गै, बेटी भोरे दूल्हा बोलेरे पर लेके भाग जैतौ गै. इत्यादि वैवाहिक मांगलिक गीतों से लोगों को सराबोर कर दिया. वहींं, भोजपुरी गायक दिनेश दीवाना ने भी विदाई गीत गाकर लोगों की आंखें नम कर दी. उद्घोषक अनिल विश्वास ने उम्दा एंकरिंग से लोगों में जोश भर दी.
बेटियों की विदाई पर दिये गये महंगे फर्नीचर
55 जोड़ी बेटियों की विदाई के लिए सर्वजन कल्याण संस्थान ने काफी महंगे फर्नीचर की व्यवस्था की थी. इसमें महंगे दामों के पलंग, सोफा, ड्रेसिंग, टेबल, बड़ा बक्सा, छोटा बक्सा ,ड्रम सेट बर्तन, कुर्सी, टेबल, टी टेबल इत्यादि फर्नीचर की व्यवस्था 55 बेटियों के लिए संस्थान द्वारा की गयी थी.
पारंपरिक मिष्ठान की भी थी व्यवस्था
55 बेटियों की विदाई के लिए संस्थान ने विदाई में दी जाने वाली पारंपरिक मिठाई को भी बनवाया था. दसमें गाजा, लड्डू, खाजा, खजुली, कसार, माठ , बुंदिया इत्यादि शामिल थी.
संस्थान के अध्यक्ष सहित सदस्यों के छलके आंसू
सूर्योदय की लालिमा के साथ जब 55 बेटियों की विदाई अहले सुबह होने लगी, तो संस्थान के अध्यक्ष योगेंद्र कुशवाहा, पत्नी सुनीता कुशवाहा समेत सर्वजन कल्याण संस्थान के सदस्यों की आंसू छलक पड़े. नम आंखों से संस्थान के लोगों और कन्या पक्ष के लोगों ने 55 बेटियों को बाबूगंज के मैदान से ऐतिहासिक सामूहिक विवाह के बाद विदा किया. काफी करुणामयी वह पल था, जब 55 बेटियों की एक साथ एक जगह से विदाई की जा रही थी. किसी ने भी अपने आंसू को रोक नहीं सका. बेटियों की विदाई का दर्द आखिर आंखों में उतर ही आया और सभी की आंखें नम हो गयीं.