बिहार के इस एतिहासिक स्कूल का होगा जीर्णोद्धार, जानें कितना होगा खर्च
सूर्यपुरा : सूबे में ख्याति प्राप्त आलीशान भवन एवं प्रयोगशाला के लिए चर्चित राज राजेश्वरी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सूर्यपुरा आज रखरखाव के अभाव में अपना वजूद व पहचान खोते जा रहा है.
सूर्यपुरा : सूबे में ख्याति प्राप्त आलीशान भवन एवं प्रयोगशाला के लिए चर्चित राज राजेश्वरी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सूर्यपुरा आज रखरखाव के अभाव में अपना वजूद व पहचान खोते जा रहा है. बता दें कि सुप्रसिद्ध साहित्यकार राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह के पिता कवि राजा राजेश्वरी प्रसाद सिन्हा उर्फ राजा साहब ने वर्ष 1930 में सूर्यपुरा नगरी के नागरिकों के बच्चों की पढ़ाई के लिए आलीशान स्कूल की स्थापना करायी थी.
स्कूल में उस समय लगभग नौ लाख रुपये से विज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण कराया था. उस समय हायर सेकेंडरी की पढ़ाई के लिए अलग से भवन का निर्माण कराया गया था. वहां छात्र-छात्राओं के पढ़ने के लिए 10 कमरों के साथ ही भवन के बीचोंबीच एक आलीशान बड़ा सा हॉल भी बनाया था, जिसमें लगभग एक हजार छात्र एक साथ बैठ सकते हैं. छात्रों के लिए कमरों में बेंच और उसी पर स्याही के लिए पीतल की दावात की व्यवस्था की गयी थी.
प्रत्येक कमरे में तीन-तीन पंखे, समुचित पेयजल की व्यवस्था, छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय एवं वॉश रूम, खेल-कूद के लिए स्कूल के ठीक सामने मैदान थे. आज स्कूल उचित रखरखाव के अभाव में अपना पहचान खोते जा रहा है.
मरम्मत की बात तो दूर वर्षों से रंग-रोगन तक नहीं हो पाया है. आलीशान स्कूल भवन के बीचोंबीच बने अशोक स्तंभ के दोनों तरफ बड़े-बड़े दो बाघों की प्रतिमा में एक पहले ही टूट गयी हैै. इसकी मरम्मत कराना विद्यालय प्रशासन ने अबतक मुनासिब नहीं समझा है, जबकि इन्हीं बाघों की मूर्तियों के कारण लोग इसे बघवा स्कूल भी कहते हैं.
इस संबंध में स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक नरेंद्र कुमार सक्सेना ने बताया कि विद्यालय विकास मद व छात्र कोष में रुपये हैं, लेकिन विद्यालय शिक्षा समिति का गठन नहीं होने से विकास कार्य बाधित है. रुपये खर्च करने के लिए विभागीय पदाधिकारियों के आदेश का इंतजार किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि राज्यपाल के आदेश से बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम, पटना के द्वारा भवन के पुनर्निर्माण व मरम्मत के लिए कार्रवाई चल रही है. करीब 35.69 लाख रुपये के आवंटन की स्वीकृति मिल चुकी है. आवंटन प्राप्त होते ही जीर्णोद्धार का कार्य शुरू हो जायेगा.
posted by ashish jha