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बिहार में रोहिंग्या की संख्या बढ़ी, जानें कौन बनवा रहे हैं इनका आधार कार्ड

बिहार के सीमांचल क्षेत्र में अचानक से रोहिंग्या की संख्या बढ़ रही है. पटना पुलिस की जांच में इस बाद का खुलासा हुआ है कि कट्टरपंथी संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) एक बड़ी योजना के तहत रोहिंग्या का आधार कार्ड बनवा रहे हैं. भारत का पहचान पत्र बनवा कर ये यहां की नागरिक सुविधा का लाभ उठा रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2022 5:02 PM

बिहार के विभिन्न जिलों में कट्टरपंथी संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हाल ही में हुआ है. संगठन के एक्टिव और स्लीपर सेल के लोगों की गिरफ्तारी के बाद पता चला कि बिहार के सीमांचल क्षेत्र में पीएफआई के द्वारा रोहिंग्या मुसलमानों और बांग्लादेशी घुसपैठियों को फर्जी आधार कार्ड बनवाकर उन्हें भारत में घुसपैठ करा रहे हैं. आतंकी संगठन ऐसा करके बिहार के डेमोग्राफी और नागरिक सुविधा को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

बिहार की जनता का हक छिन रहे घुसपैठिये

PFI की मदद से आधार कार्ड बनवाकर रोहिंग्या मुसलमान और बांग्लादेशी राशन कार्ड सहित अन्य पहचान पत्र बनवा रहे हैं. इसके आधार पर सरकार के द्वारा दी जाने वाली अन्य सुविधाओं का ये लाभ उठा रहे हैं. जांच में ये बात भी सामने आयी है कि ये बिहार से मजदूर के रूप में कर्नाटक समेत अन्य राज्यों में भेजे जाते हैं. रिपोर्ट के अनुसार पीएफआई ने बिहार के सीमांचल क्षेत्र खासकर किशनगंज. दरभंगा, कटिहार, मधुबनी, सुपौल और पूर्णिया जिलों को मुख्यरूप से टारगेट किया है.

सीमांचल में मौजूद मुस्लिम परिवार की ले रहे हैं मदद

पीएफआई के द्वारा सीमांचल में रहने वाले मुस्लिम परिवारों की मदद भी ली जा रही है. इन भारतीय मुस्लिम परिवार को ‍विभिन्न प्रकार का लालच दिया जाता है. फिर रोहिंग्या को उस परिवार का हिस्सा बनाते हुए पहचान पत्र बनवा दिया जाता है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि रोहिंग्याओं का भारत में प्रवेश पहले बंगाल और असम के सीमा से होता था. मगर अब वहां सीमा सुरक्षा बल की चौकसी बढ़ गयी है. ऐसे में उनका प्रवेश अब नेपाल के रास्ते हो रहा है. बताया जा रहा है कि रोहिंग्याओं ने कई अवैध कॉलोनी नेपाल-भारत सीमा पर बसा लिया है. पुलिस सुत्रों के मुताबिक वर्ष 2018 के बाद से नेपाल सीमा पर 500 करोड़ की लागत से 700 मदरसे और मस्जिद का निर्माण किया गया है. इस अवैध निर्माण के लिए पैसा कतर, UAEऔर तुर्की जैसे देशों से आने की आशंका है.

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