बिहार में तय होगा भारी वाहनों का रूट, नियम तोड़ने पर लगेगा जुर्माना, लोगों की सुरक्षा को देखते हुए लिया फैसला

बिहार में सड़क बेहतर होने के कारण जिलों में पैदल चलने वाले लोगों की सड़क दुर्घटनाएं में मौत हो रही हैं. यह संख्या बढ़ती जा रही है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए जिलों में भारी वाहनों के रूट को तय करने का निर्णय लिया गया है, ताकि सड़कें सुरक्षित रहें.

By Prabhat Khabar News Desk | June 9, 2023 3:12 AM

पटना. बिहार में सड़कों के दुरुस्त होने और उनकी लंबाई बढ़ने से आवागमन काफी सहज हुआ है. लोगों को एक-जगह से दूसरी जगहों तक पहुंचने में अब कम -से -कम समय लगता है. लेकिन सड़कें बेहतर होने की वजह से कई जगह सड़क दुर्घटनाएं भी बढ़ी. जिसके बाद अब सड़कों व लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिलों में भारी वाहनों के रूट को तय करने का निर्णय लिया गया है, ताकि सड़कें सुरक्षित रहें और भीड़-भीड़ वाले इलाकों में बड़े वाहनों के आने-जाने से लोगों को परेशानी नहीं हो. साथ ही, सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आये.

अधिकारियों के पास रहेगा ऑटोमैटिक रडार गन, स्पीड पर लगेगी लगाम

परिवहन विभाग की समीक्षा के दौरान जिलों में ऑटोमैटिक रडार गन देने का निर्णय हुआ है. इसके साथ ही अधिकारियों को रडार गन चलाने का प्रशिक्षण दिया जायेगा और वैसे सभी इलाकों में रडार गन से अधिकारी निगरानी करेंगे, जहां सड़क पर लंबी दूरी तक गति सीमा तय की गयी है.

जिलों में बढ़ी हैं सड़क दुर्घटनाएं

परिवहन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 2021-22 और 2022-23 मार्च तक मधेपुरा, शिवहर, सहरसा, समस्तीपुर, जहानाबाद, मुजफ्फरपुर, सारण, नालंदा, भोजपुर, औरंगाबाद, लखीसराय, बक्सर, किशनगंज, नालंदा, भागलपुर व कटिहार में सड़क दुर्घटनाएं अधिक हुई हैं. इसके बाद इन इलाकों में परिवहन विभाग और यातायात पुलिस ने भी निगरानी बढ़ा दी है.

Also Read: बिहार के तीन जिलों में अटका है अमास-दरभंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण, 7 जिलों से होकर गुजरेगी सड़क

पैदल चलने वालों की भी हो रही है मौत

सड़क बेहतर होने के कारण जिलों में पैदल चलने वाले लोगों की सड़क दुर्घटनाएं में मौत हो रही हैं. यह संख्या बढ़ती जा रही है. परिवहन विभाग ने वैसे सभी इलाकों में फुटपाथ व फुट ओवर ब्रिज बनाने का भी दिशा-निर्देश संबंधित हर विभाग को दिया है, ताकि पैदल चलने वाले लोग सुरक्षित आवागमन कर सकें.

Next Article

Exit mobile version