पैसे की कमी से जूझ रहा पूर्व मध्य रेलवे, अभाव में राजेंद्रनगर टर्मिनल पर 40 बेड के आरपीएफ बैरक का काम बंद
आरपीएफ बैरक के निर्माण के लिए राशि बढ़ा कर दो करोड़ एक लाख 78 हजार कर दी गयी थी. कंस्ट्रक्शन कंपनी ने पैसे के लिए पूर्व मध्य रेलवे के डिविजनल रेलवे मैनेजर से संपर्क साधा. लेकिन पैसे नहीं मिलने के बाद कंस्ट्रक्शन कंपनी ने काम बंद कर दिया.
राजेंद्रनगर टर्मिनल पर बन रहे 40 बेड वाले आरपीएफ के बैरक का काम पैसे के अभाव में बंद हो गया है. यात्रियों की सुरक्षा के लिए पूर्व मध्य रेलवे ने 40 बेड वाले आरपीएफ बैरक के निर्माण की योजना बनायी थी. राजेंद्रनगर टर्मिनल के प्लेटफॉर्म नंबर एक से थोड़ी ही दूरी पर बैरक निर्माण के लिए काम भी शुरू किया गया, लेकिन कंस्ट्रक्शन कंपनी ने फंड के अभाव में काम बंद कर दिया है. जानकारी के अनुसार संबंधित कंस्ट्रक्शन कंपनी ने फाउंडेशन तक का काम कराया था, लेकिन अब उसे भी रेलवे से पैसे के भुगतान का इंतजार है.
साल 2019 में आरपीएफ बैरक के निर्माण को रेलवे ने दी थी मंजूरी
दरअसल, राजेंद्रनगर रेलवे स्टेशन पर 40 बिस्तरों वाले आरपीएफ बैरक के निर्माण कार्य को साल 2019 में ही मंजूरी दी थी और इसे सात महीने में पूरा किया जाना था. जानकारी के मुताबिक, रेलवे ने 27 दिसंबर 2019 को बैरक के निर्माण की समय सीमा तय की थी. आश्चर्य की बात यह है कि चार साल बाद भी फाउंडेशन से आगे का काम नहीं बढ़ सका है. दरअसल रेलवे के किसी भी निर्माण कार्य के लिए साइट प्लान, जीडीए सहित दूसरी तकनीकी चीजों की मंजूरी जरूरी होती है, लेकिन साइट प्लान को ही अक्टूबर 2021 में रेलवे ने मंजूरी दी और तमाम औपचारिकता के बाद अक्टूबर 2021 में बैरक निर्माण का काम शुरू किया गया.
पैसे के अभाव में कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बंद किया काम
आरपीएफ बैरक के निर्माण के लिए पहले एक करोड़ 61 लाख से अधिक की राशि तय की गयी. बाद में ये राशि बढ़ा कर दो करोड़ एक लाख 78 हजार कर दी गयी. इसी बीच कंस्ट्रक्शन कंपनी ने पैसे के लिए पूर्व मध्य रेलवे के डिविजनल रेलवे मैनेजर से संपर्क साधा. लेकिन पैसे नहीं मिलने के बाद कंस्ट्रक्शन कंपनी ने काम बंद कर दिया. अब तक यहां पर 46 लाख से अधिक का काम हो चुका है.
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अभी कहां तक हुआ है काम
अगर आप राजेंद्रनगर टर्मिनल के प्लेटफॉर्म नंबर एक से हावड़ा लाइन की तरफ बढ़ते हैं, तो दाएं तरफ एक आधा अधूरा निर्माण कार्य स्थल मिलेगा. यहां फाउंडेशन का काम पूरा हो चुका है और कई पिलरों की पाइलिंग कर दी गयी है. कार्य स्थल पर अभी रेत, गिट्टी और निर्माण कार्य में इस्तेमाल की जाने वाली दूसरी चीजें दिख जायेंगी.