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बिहार: RSS चीफ मोहन भागवत कड़ी सुरक्षा के बीच आज आएंगे भागलपुर, खुफिया एजेंसियां भी हुई सक्रिय

RSS चीफ मोहन भागवत आज तीन दिवसीय बिहार दौरे पर आ रहे हैं. मोहन भागवत पटना से भागलपुर के लिए रवाना होंगे. उनके आगमन को लेकर भागलपुर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी है. खुफिया एजेंसियों को भी सक्रिय किया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 21, 2023 11:13 AM
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Mohan Bhagwat Bihar Tour: आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत 21 दिसंबर की शाम भागलपुर पहुंच जायेंगे. इससे पूर्व जिला प्रशासन और पुलिस की ओर से की जा रही तैयारियों का बुधवार को पुलिस अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया. इसको लेकर पूरे जिला सहित आसपास के जिलों में भी अलर्ट जारी किया गया है. सरकारी खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हैं. मोहन भागवत के आगमन के दौरान कुल 53 स्थलों को चिन्हित किया गया है. जहां मजिस्ट्रेट, पुलिस अधिकारी/पदाधिकारी सहित बलों की तैनाती की जायेगी. इसके अलावा पुलिस सहित ट्रैफिक, एसडीआरएफ, फायर, आपदा, स्वास्थ्य आदि विभागों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है.

विशेष शाखा की ओर से भी निर्देश जारी..

मोहन भागवत के आगमन को लेकर विशेष शाखा की ओर से भी डीआइजी, डीएम और एसएसपी को पत्र भेज कर कई बिंदुओं पर दिशा निर्देश दिया गया है. उक्त कार्यक्रम को लेकर बुधवार को जिला प्रशासन के अधिकारियों और जिला पुलिस अधिकारियों के द्वारा समीक्षा भवन में विशेष बैठक की गयी. की जा रही सभी तैयारियों को कोविड 19 के मद्देनजर भारत व बिहार सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार क्रियान्वित किया जायेगा. बुधवार दिन से ही कुप्पा घाट और मुस्तफापुर जाने वाले रास्ते पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट (ई-रिक्शा, टेंपो आदि) के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी थी.

संयुक्त आदेश किया गया जारी..

यातायात थानाध्यक्ष को कोई भी मार्ग अवरूद्ध न हो. निर्बाध आवागमन हो इसको लेकर विशेष दिशा निर्देश दिया गया है. इसके अलावा एसडीआरएफ को गंगा नदी में टीम की तैनाती व निगरानी और अग्निशमन पदाधिकारी को दमकल के साथ कुप्पा घाट में तैनात रहने का निर्देश दिया गया है.आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के कुप्पाघाट आश्रम आगमन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा जा रही है. बुधवार को सिटी एसपी अमित रंजन, स्थानीय पुलिस पदाधिकारी व सीआइएसएफ के पदाधिकारी कुप्पाघाट आश्रम पहुंचे. आधा घंटा तक अखिल भारतीय संतमत सत्संग महासभा के पदाधिकारियों के साथ सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मंथन किया. साथ ही गुरुवार को कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने और मिनट टू मिनट कार्यक्रम बनाने को कहा, ताकि सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सके. इस दौरान महामंत्री से अनुरोध किया कि आश्रम में अधिक सत्संगियों की भीड़ नहीं हो, ताकि सुरक्षा में आसानी हो सके.

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संघ प्रमुख बनने के बाद पांचवी बार भागलपुर आ रहे मोहन भागवत 

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत गुरुवार की देर शाम को पटना से सड़क मार्ग के जरिए नवगछिया होते हुए भागलपुर पहुंचेंगे. शुक्रवार को कुप्पाघाट में महर्षि मेंही आश्रम संघ प्रमुख जाएंगे. कार्यक्रम संपन्न होने के बाद संतों से उनकी मुलाकात भी होगी. जहां से शाम में ही संघ प्रमुख पटना के लिए रवाना हो जाएंगे. बता दें कि सरसंघचालक बनने के बाद पांचवीं बार मोहन भागवत भागलपुर आ रहे हैं. जब वे उत्तर पूर्व क्षेत्र के प्रचारक थे तब अक्सर भागलपुर आते रहे. संघ प्रमुख बनने के बाद मोहन भागवत पहली बार वर्ष 2009 में भागलपुर आए थे. 2015 और 2018 में भी संघ प्रमुख मोहन भागवत भागलपुर आ चुके हैं. वहीं इस साल 2023 की बात करें तो मोहन भागवत दूसरी बार बिहार आ रहे हैं. इसी साल फरवरी में एक कार्यक्रम में शरीक होने मोहन भागवत महर्षि मेंही आश्रम आए थे. वहीं यह पांचवी बार है जब संघ प्रमुख भागलपुर आ रहे हैं.

कब क्या है कार्यक्रम :

  • मोहन भागवत 21 दिसंबर को डीएन सिंह रोड स्थित लक्खी बाबू गार्डन में नीरज शुक्ला के आवास पर शाम 7 बजे पहुंचेंगे.

  • 22 दिसंबर को महर्षि मेंही आश्रम में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेंगे.

  • संघ प्रमुख 22 दिसंबर को ही पटना के लिए रवाना हो जायेंगे.

आरएसएस के प्रचार प्रमुख पहुंचे भागलपुर

उधर, बुधवार को आरएसएस के प्रचार प्रमुख अरुण कुमार कबीरपुर स्थित दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र मंदिर पहुंचे. यहां भगवान वासुपूज्य को नमस्कार करते हुए अक्षत अर्पण किया. इसके बाद उन्होंने मुनिराज विशल्य सागर जी के दर्शन वंदन कर उन्हें श्रीफल अर्पण किया. मुनिराज विशल्य सागर जी ने आशीर्वचन प्रदान करते हुए कहा कि दिल दुखाने की नहीं बल्कि खुश रहने की कला है. जिसके पास दया नहीं उसे इंसान नहीं कहा जा सकता. खुशी में आग लगानी हो तो नकारात्मक सोच रखने लगिये. विश्वास बिना संबंध टिक नहीं सकता. किसी की निंदा आपको निंदनीय बनाती है. भगवान राम का जीवन उल्लेखनीय त्याग का जीवन है. शांति भंग करने वाला कोई भी कार्य न करें. जिसकी सोच ही बड़ी नहीं वह बड़ा कैसे बन सकता है.

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