पटना के कंकड़बाग थाना क्षेत्र में संचालित जयप्रभा मेदांता अस्पताल में रविवार को परिजनों ने जम कर हंगामा किया. नाराज परिजन हॉस्पिटल के गेट पर ही बैठ गये और नारेबाजी करने लगे. हॉस्पिटल में भर्ती करीब आधा दर्जन मरीज के परिजन एकजुट होकर सड़क पर आ गये और अस्पताल प्रबंधन व डॉक्टरों के प्रति नारेबाजी की.
परिजनों का कहना है कि अधिकांश ऐसे मरीज हैं जिनसे रोजाना एक से डेढ़ लाख रुपये लिये जा रहे हैं और इलाज के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. इतना ही नहीं कुछ परिजनों ने आरोप लगाया है कि उनके मरीज की सर्जरी भी कर दी गयी और जानकारी तक नहीं दी गयी. वहीं जब अपने मरीज से मिलने के लिए जाते हैं तो कई बार मिलने से भी मना कर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि जिस डॉक्टर से दिखाने आये हैं वह डॉक्टर मौजूद नहीं है फिर भी उसके नाम पर पैसा वसूला जा रहा है. एक दिन वेंटिलेटर पर रखने को कहा गया लेकिन 10 दिन से वेंटिलेटर पर रख कर इलाज किया जा रहा है और लाखों रुपये का बिल बनाया जा रहा है.
बढ़ते हंगामे को देखते हुए मौके पर कंकड़बाग थाना थाना प्रभारी रविशंकर कुमार पहुंच गये. पुलिस को देख परिजन और नारेबाजी करने लगे, हालांकि पुलिस ने किसी तरह मामले को शांत कराया. पुलिस से शिकायत के दौरान परिजनों ने कहा कि इलाज में लापरवाही के साथ-साथ बिल भी मनमाने रूप से बनाया जा रहा है. हंगामे के दौरान हॉस्पिटल के सामने वाली मेन सड़क पर जाम लग गयी, इससे कुछ देर के लिए ट्रैफिक व्यवस्था भी गड़बड़ा गयी. पुलिस के कॉफी प्रयास के बाद जाम व हंगामा शांत हुआ. वहीं कंकड़बाग थाना प्रभारी रविशंकर कुमार ने बताया कि हंगामे की सूचना पर पुलिस टीम के साथ गया, मामला किसी तरह से शांत कराया. हालांकि परिजनों ने लिखित में कोई शिकायत दर्ज नहीं की गयी, अगर परिजन लिखित में शिकायत दर्ज कराते हैं तो नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी.
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जयप्रभा मेदांता हॉस्पिटल के मेडिकल निदेशक डॉ रविशंकर सिंह ने कहा कि जो परिजन हंगामा कर रहे हैं उनके मरीज का नाम 47 वर्षीय रीना सिंह है, जिन्हें बीते 21 मई को भर्ती कराया गया था. मरीज पहले से ही गंभीर हालत में थी, जिन्हें ल्यूपस नेफ्रैटिस, पॉलीसेरोसाइटिस और सेप्सिस के साथ सेप्टिक शॉक व वाल्वुलर रोग है. जिसको देखते हुए उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है. उनके परिजनों को एक-एक पल की जानकारी दी जा रही है. लेकिन एक अन्य अस्पताल में कार्यरत कर्मचारी द्वारा मेरे अस्पताल को जानबूझकर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. लापरवाही की बात पूरी तरह से गलत है. क्योंकि हम मेदांता में उच्चतम स्तर की देखभाल और पारदर्शिता के लिए प्रतिबद्ध हैं.