पटना. इंडिगो एयरलाइंस के पटना एयरपोर्ट स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह हत्याकांड मामले में फरार दूसरे शूटर सौरव उर्फ पवन उर्फ खरहा को भी पुलिस ने मंगलवार की देर शाम कुम्हरार पार्क के पास से गिरफ्तार कर लिया. इसके पास से एक लोडेड रिवॉल्वर, तीन सिम, तीन खोखे, हत्या को अंजाम देने में इस्तेमाल की गयी पल्सर बाइक बरामद की गयी है.
पकड़े जाने के बाद पवन ने घटना में अपनी संलिप्तता को स्वीकार करते हुए रितुराज के बयान की पुष्टि की है. इसने पुलिस के समक्ष यह जानकारी दी है कि रितुराज की बाइक की टक्कर पटना एयरपोर्ट रोड में एक गाड़ी से हो गयी थी. इसके बाद गाड़ी चालक के साथ विवाद हो गया था और उसने रितुराज के साथ मारपीट की थी. इसी का बदला लेने के लिए घटना को अंजाम दिया गया.
एसएसपी ने बुधवार की देर शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पवन की गिरफ्तारी की पुष्टि की और बताया कि घटना को अंजाम देने में सौरव, रितुराज समेत चार अपराधियों की संलिप्तता सामने आयी है. उन्होंने कहा कि पवन घटना को अंजाम देकर फरार था. मंगलवार को एसआइटी को सूचना मिली कि रूपेश हत्याकांड मामले का आरोपित पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के कुम्हरार पार्क के पास आने वाला है. सूचना मिलते ही एसआइटी की टीम कुम्हरार पार्क के पास पहुंच गयी. पहले से घेराबंदी कर के रखी पुलिस की नजर जैसे ही सौरव पर पड़ी तो टीम ने खदेड़ कर उसे पकड़ लिया.
रितुराज की तरह सौरव भी अपने घर के अलावा बगैर फैमिली के जानकारी के एक अन्य कमरा ले रखा था, जहां वह अपने दोस्तों के साथ अय्याशी करता था. पवन मूल रूप से लखीसराय का रहने वाला है. वर्तमान में वह पत्रकार नगर थाने के महादेव मार्केट, योगीपुर चौक मकान संख्या 82 में रहता है. गिरफ्तार सौरव के खिलाफ पुलिस ने अगमकुआं थाने में आर्म्स एक्ट में मामला दर्ज किया है. इस केस में ही उसे जेल भेजा जायेगा. बाद में रूपेश सिंह हत्याकांड केस में पवन का नाम जोड़ा जायेगा.
इंडिगो एयरलाइंस के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह पर रितुराज और सौरव ने एक साथ गोलियां बरसायी थीं. 12 जनवरी की शाम जैसे ही रूपेश सिंह अपनी कार से पुनाईचक स्थित कुसुम विलास अपार्टमेंट के गेट पर पहुंचे वैसे ही पहले से घात लगाये रितुराज और सौरव ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इसमें छह गोलियां रूपेश सिंह को लगी और उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. रितुराज और सौरव दो अलग-अलग बाइक पर हथियार लेकर बैठे थे और उनकी बाइक को मो. बउआ और पीयूष चला रहे थे. यह सारी बातें रितुराज ने रिमांड पर लेने के बाद बतायी. वहीं, फरार दो अन्य आरोपितों ने जल्द ही सरेंडर नहीं किया तो उसके घर पर कुर्की की जायेगी.
रूपेश सिंह हत्याकांड की पूरी योजना मुन्नाचक में चाय की दुकान में बनायी गयी. रितुराज के साथ सड़क दुर्घटना होने और मारपीट की जानकारी मिलने पर उसके सभी दोस्त आक्रोशित हो गये और उसी समय मारपीट करने के लिए हॉकी स्टिक, विकेट का इंतजाम किया जाने लगा. लेकिन सौरव ने हथियार होने की जानकारी रितुराज को दी. इस पर रितुराज ने बोला कि ये काम किसी को पैसा देकर करवा लेंगे. लेकिन बाद में सभी ने हत्या का प्लान बनाया और घटना को अंजाम दिया.
रूपेश सिंह की हत्या के बाद एक तरफ रितुराज झारखंड चला गया था. वहीं, सौरव कंकड़बाग में रह रहा था. जैसे ही सौरव उर्फ पवन की गिरफ्तारी हुई, इसके बाद रितुराज जेल में ही खूब रोया. दरअसल रितुराज नहीं चाहता था कि पवन की गिरफ्तारी हो.
एसएसपी ने कहा कि घटना के बाद साढ़े आठ बजे के करीब सौरव अपने घर गया. रितुराज की गिरफ्तारी के बाद सौरव का नंबर हर दो से तीन दिन बाद ऑन होता था. एसएसपी ने बताया कि सौरव के खिलाफ नौबतपुर व बिहटा में आर्म्स एक्ट में मामला दर्ज है, जिसमें एक बार वह जेल भी जा चुका है.
एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि रितुराज की गिरफ्तारी के बाद बहुत सारी बातें हो रही थी. यह कहा जा रहा था कि पुलिस ने निर्दोष को जेल भेज दिया. हत्या के पीछे का मोटिव रोडरेज नहीं है. ये सारी बातें सौरव की गिरफ्तारी के बाद पूरी तरह से क्लियर हो गयी है. रोडरेज में बदले के भावना में ही रूपेश की हत्या की गयी है. उन्होंने कहा कि किसी भी निर्दोष को जेल नहीं भेजा गया है. अगर ऐसा करना होता था इतना समय नहीं लगता. गिरफ्तार आरोपित के पास से मिले रिवॉल्वर को एफएसएल के लिए भेजा जायेगा.
पुलिस ने बताया कि अब रितुराज व सौरव उर्फ पवन को आमने-सामने बैठा कर पुलिस पूछताछ करेगी. इसके लिए सौरव के साथ ही रितुराज को पुलिस जल्द ही रिमांड पर लेगी. रोड रेज के कारण घटना को अंजाम देने का जो कारण सामने आया है, वह रूपेश सिंह के परिजनों को नहीं पच रहा है. पुलिस भी इस बात को मानती है कि घटना का कारण कुछ और हो सकता है?
दूसरी ओर, पुलिस के समक्ष सौरभ ने भी रितुराज के घटना के बताये गये कारण को दुहराया है. लेकिन पुलिस दोनों को आमने-सामने बैठा कर इसलिए पूछताछ करेगी, ताकि दोनों के बयान का सत्यापन हो सके. और, इससे यह स्पष्ट हो जायेगा कि कौन झूठ बोल रहा है और कौन सच? इसके साथ ही यह भी स्पष्ट हो जायेगा कि घटना का मूल कारण रोड रेज है या कुछ और?
विदित हो कि रितुराज ने अपने बयान में सड़क दुर्घटना में मारपीट होने का बदला लेने के लिए घटना को अंजाम देने की बात को स्वीकार किया था. इसके बाद पुलिस ने उसे रिमांड पर लिया था और पूछताछ की थी. लेकिन उसने रिमांड पर भी उसी बात को दुहराया.
Posted by Ashish Jha