Rupesh Singh Murder Case : पटना में हुआ इंडिगाे के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह हत्याकांड बिहार पुलिस के लिए एक पहेली बनकर रह गया है. हत्या के दो हफ्ते गुजर जाने के बद भी एसआइटी या काेई भी एजेंसी यह पता नहीं लगा सकी है कि उनकी हत्या का क्या माेटिव था. कभी पुलिस की जांच एयरपाेर्ट पार्किंग के विवाद पर टिक रही है ताे कभी टेंडर पर. रूपेश की हत्या की सूई बिल्डर के इर्द-गिर्द घूमी, ताे कभी रूपेश के राजनीतिक कद व अन्य कारणाें पर.
विभिन्न जगहों से पांच शूटरों को एसआइटी ने उठाया- अलग-अलग जगहों से एसआइटी ने पांच शूटर्स को उठाया है. मंगलवार को इन सभी से पूछताछ की गयी. पुलिस (police news) का फोकस पूरी तरह से सबसे पहले शूटर्स को पकड़ने पर है क्योंकि शूटर्स गिरफ्तार हो गये, तो सुपारी देने वाले का नाम भी सामने आ जायेगा.
50 से अधिक को हिरासत में भी लिया गया- इस मामले में पुलिस करीब 300 से अधिक लाेगाें से पूछताछ कर चुकी है, जिनमें से 50 से अधिक काे हिरासत में लिया जा चुका है. लेकिन हाथ कुछ नहीं लगा. एसटीएफ, एसआइटी ने आधा दर्जन बाइकराें काे भी पकड़ा, उनसे पूछताछ करने में जुटी है. पुलिस की टीम गाेवा से लेकर दिल्ली तक छान आयी. यूपी से लेकर झारखंड के कई जिलाें में दबिश बनायी पर नतीजा सिफर ही रहा. दो टीमें फिर दिल्ली और झारखंड गयी हुई हैं. इधर पुलिस की छापेमारी से पटना के छुटभैये अपराधियाें में हड़कंप मच गया. पुलिस की गिरफ्तारी और पूछताछ के डर से उन्हाेंने पटना छाेड़ दिया.
गुजरात से पकड़ कर लाये गये कई ठेकेदारों से भी पूछताछ- एसआइटी इस केस में बिल्डर, गुजरात से पकड़ कर लाये गये ठेकेदार से भी पूछताछ कर चुकी है. एयरपाेर्ट, पीएचइडी से जानकारी जुटाने के बाद छपरा, गोपालगंज से जुड़े सात टेंडरों की जांच कर रही है. इस मामले में कई ठेकेदार, विभागीय अधिकारी से लेकर रूपेश के रिश्तेदारों के करीबियों और उनके कर्मियों से भी पूछताछ कर चुकी है. पुलिस ने दर्जनाें संदिग्धाें के मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर ले रखा है. एसआइटी भी इस केस में जब तकक लाइनर और शूटर को गिरफ्तार नहीं करती, हत्या की गुत्थी इतनी आसानी से नहीं सुलझेगी.
Posted by : Avinish kumar mishra