पटना. राज्य की ग्रामीण और शहरी अस्पतालों की सेवाओं में सुधार के लिए वित्तीय वर्ष 2026-27 तक 6017 करोड़ खर्च होगा. केंद्र सरकार ने 15 वें वित्त आयोग की अंतिम रिपोर्ट जारी कर दी है. अब राज्य के 15 वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आलोक में पंचायतों और नगर निकायों में अस्पतालों के निर्माण और सेवाओं के सुधार करने में इस राशि को खर्च किया जायेगा. केंद्रीय वित्त आयोग ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अलग से राशि का उपबंध किया है.
केंद्रीय वित्त आयोग द्वारा पहली बार पंचायत और नगर निकायों की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए राशि का आवंटन किया गया है. इसको लेकर आयोग ने पंचायती राज विभाग और नगर विकास एवं आवास विभाग विभाग को राशि प्राप्त करने के लिए अलग शीर्ष खोलवाने का निर्देश दिया है.
इस राशि से गांव और शहरी निकायों में डायग्नोस्टिक सेंटर, प्राइमरी हेल्थ केयर, स्वास्थ्य उप केंद्र, ग्रामीण प्रथामिक स्वास्थ्य केंद्र, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, प्रखंड स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की जायेगी. पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंचायत एवं निकायों के स्वास्थ क्षेत्र में विकास के लिए 15 वें वित्त आयोग के अंतिम रिपोर्ट में बिहार के लिए 6017 करोड़ का आवंटन किया है.
स्वास्थ्य क्षेत्र के विकास के लिए वित्तीय वर्ष 2021- 22 में 1133.10 करोड़, 20 22-23 में 1133.10 करोड़, 2023- 24 में 1189 करोड़, 2024 25 में 1249.20 करोड़ और 2025 26 में 1311.96 करोड़ मिलेगा. उन्होंने बताया कि इस राशि में से स्वास्थ्य उप केंद्र के विकास पर 834.41 करोड़ की राशि निर्धारित की गयी है.
इसी तरह से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 917.72 करोड़, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के विकास पर 229.40 करोड़, प्रखंड स्तरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 262.69 करोड़, शहरी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर 984.67 करोड़, स्वास्थ्य उप केंद्र, पीएचसी व सीएचसी के विकास पर 1748.28 करोड़, ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य उपकेंद्र व पीएचसी पर 1039.78 करोड़ खर्च होगा.
इससे पूर्व बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र में पीएम केयर के माध्यम से 100 स्वास्थ्य संस्थानों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया गया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व पंचायती राज मंत्री गिरीराज सिंह और 15 वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह को विशेष रूप से धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी रकम ग्रामीण स्वास्थ्य एवं शहरी स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने के लिए मिला है. इससे सेवाओं में गुणात्मक सुधार होगा.
Posted by Ashish Jha