रूस और यूक्रेन लड़ रहे युद्ध और उनके नागरिक गयाजी में कर रहे पिंडदान, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी से भी पहुंचे लोग
बिहार के गया में आयोजित विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला का समापन शनिवार को हो गया. इस दौरान देश-विदेश से आए लोगों ने अपने पूर्वजों का पिंडदान किया. इस वर्ष करीब 15 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों के साथ ही अमेरिका, रूस, फ्रांस, यूक्रेन व जर्मनी से आए लोगों ने किया पिंडदान
रूस और यूक्रेन के बीच बीते डेढ़ साल से जंग छिड़ी हुई है, दोनों देश एक-दूसरे पर लगातार हमला कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर उन देशों के नागरिक बिहार के गया आकर अपने पूर्वजों और युद्ध में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान कर रहे हैं. पितृपक्ष मेला में इस वर्ष करीब 15 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने गयाजी आकर अपने पूर्वजों का पिंडदान किया है. साथ ही अमेरिका, रूस, फ्रांस, यूक्रेन व जर्मनी के करीब 45 से अधिक विदेशियों ने भी गयाजी आकर सांस्कृतीक परंपरा से अपने पूर्वजों का पिंडदान किया. विदेशियों ने तो यहां तक कह दिया कि गयाजी में पितृपक्ष मेला में उमड़ी भीड़ में भी अजीब सी शांति की अनुभूति हो रही है.
उपराष्ट्रपति और राज्यपाल ने भी किया पिंडदान
बिहार के गया में आयोजित विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला का समापन शनिवार को हो गया. इस दौरान देश-विदेश से आए लोगों ने अपने पूर्वजों का पिंडदान किया. तर्पण करने वाले लोगों में देश के उपराष्ट्रपति और बिहार के राज्यपाल भी शामिल हैं. वहीं सुखद माहौल में मेला का समापन होने पर जिले के डीएम डॉ त्यागराजन व एसएसपी आशीष भारती ने मेला क्षेत्र में लगातार 17 दिनों तक अनवरत ड्यूटी करने वाले जिला प्रशासन व पुलिस महकमे के लोक सेवकों सहित समाजसेवी संगठनों से जुड़े लोगों को बधाई दी.
युद्ध में मारे गए सैनिकों की शांति के लिए किया पिंडदान
पितृपक्ष मेले में यूक्रेन से पहुंची डॉक्टर यूलिया ने रूस और यूक्रेन युद्ध में मारे गए सैनिकों और आम आदमियों की आत्मा की शांति के लिए सामूहिक पिंडदान किया. इसके बाद यूलिया ने कहा कि विदेशी महिलाओं में पिंडदान व पितरों के मोक्ष की कामना के प्रति आस्था तेजी से बढ़ी है. वहीं जर्मन श्रद्धालुओं ने शहर के उत्तरी क्षेत्र स्थित प्रेतशिला व रामशिला वेदी स्थलों पर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति व मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण का कर्मकांड किया. भारतीय परिधान में इन जर्मन श्रद्धालुओं ने अपने पितरों का पिंडदान किया. इस दौरान यहां पिंडदान कर रहे इन श्रद्धालुओं की तस्वीर लेने पर सुरक्षा व्यवस्था में तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा रोक लगा दी गयी थी.
भीड़ में भी शांति की अनुभूति
गयाजी में कर्मकांड पूरा होने के बाद इनमें एक विदेशी महिला अबूदाबी ने बताया कि पिंडदान करके बहुत अच्छा लगा. यहां का यह कल्चर, धर्म व पितरों के प्रति लोगों की आस्था देखकर बहुत खुशी हुई. काफी भीड़ के बाद भी शांति की अनुभूति हो रही थी. इस्कॉन मंदिर के प्रचारक व पिंडदान का कर्मकांड करा रहे पुरोहित लोकनाथ गौड़ ने बताया कि यहां होनेवाले पिंडदान पर विदेशियों द्वारा रिसर्च भी किया जा रहा है. विदेशी मूल के शंभूनाथ इस विषय पर यहां रहकर रिसर्च भी कर रहे हैं.
टेंट सिटी में ठहरे करीब 12 हजार से अधिक श्रद्धालु
डीएम ने बताया है कि गांधी मैदान में बनाये गये टेंट सिटी में तीर्थयात्रियों के लिए सभी प्रकार की नि:शुल्क व्यवस्था उपलब्ध कराना एक बहुत बड़ी उपलब्धि साबित हुई. टेंट सिटी में जो भी पिंडदानी रहने आये, उन सभी ने सरकार व जिला प्रशासन की सराहना किया.टेंट सिटी में जीविका दीदियों द्वारा लगाये गये स्टॉल, सुधा तथा हर दिन संध्या में भजन कीर्तन इत्यादि का काफी आनंद सभी ने लिया है. टेंट सिटी में करीब 12000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने आवासन किया.
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डीएम ने बताया कि गयाजी रबर डैम पितृपक्ष मेला क्षेत्र में बहुत बड़ा आकर्षण का केंद्र इस वर्ष बना है. सरकार व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश के अनुरूप ऐसा माहौल बना है. पहले पिंडदानी गड्ढा खोदकर पानी निकालकर तर्पण करते थे. इस बार लबालब पानी में यात्री तर्पण कर काफी संतुष्ट हो रहे हैं. फल्गु नदी में लबालब पानी को देखकर सरकार एवं स्थानीय जिला प्रशासन को काफी सराहना किया है कि हम सभी तीर्थ यात्रियों के लिए गयाजी रबर डैम का निर्माण कर सालों भर पानी उपलब्ध करवाने का कार्य काफी सराहनीय कार्य किया गया है.
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