दरभंगा एम्स के निर्माण के लिए 36 एकड़ रैयती भूमि का भी होगा अधिग्रहण, कई सुविधाएं होंगी विकसित
दरभंगा में शोभन बाइपास के निकट 152.67 एकड़ खतियानी भूमि का अधिग्रहण करते हुए इसे एम्स निर्माण के लिए दिया जा चुका है. राज्य मंत्रिमंडल ने इस जमीन की भराई के लिए तीन अरब की भी स्वीकृत दे दी है. एम्स के लिए 36.27 एकड़ अतिरिक्त जमीन अधिग्रहण के बाद इस भूमि का कुल क्षेत्र फल 188.94 एकड़ हो जायेगा.
बिहार का दूसरा एम्स दरभंगा में बनेगा. इस एम्स के निर्माण के लिए शोभन बाइपास के पास 150 एकड़ जमीन अधिग्रहित करने के बाद परिसर के निकट अन्य सुविधाएं विकसित करने के लिए और 36.27 एकड़ जमीन अधिग्रहित होगी. यह रैयती जमीन है. सरकार ने इसके अधिग्रहण के लिए 14.26 करोड़ की राशि स्वीकृत कर दी है.
मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों को दिया था आश्वासन
समाधान यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया था कि दरभंगा एम्स के निर्माण के राह में आने वाले जमीन संकट को जल्द ही दूर कर दिया जायेगा. मुख्यमंत्री की घोषणा के तत्काल बाद दरभंगा में शोभन बाइपास के निकट 152.67 एकड़ खतियानी भूमि का अधिग्रहण करते हुए इसे एम्स निर्माण के लिए दिया जा चुका है. राज्य मंत्रिमंडल ने इस जमीन की भराई के लिए तीन अरब की भी स्वीकृत दे दी है. एम्स के लिए 36.27 एकड़ अतिरिक्त जमीन अधिग्रहण के बाद इस भूमि का कुल क्षेत्र फल 188.94 एकड़ हो जायेगा.
बिहार सरकार 309 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेगी
इस संबंध में जानकारी देते हुए बीते दिनों जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा था कि दरभंगा एम्स के लिए आवंटित भूमि के समतलीकरण एवं विकास पर बिहार सरकार 309 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेगी. उन्होंने कहा था कि अगले छह माह में दरभंगा एम्स की जमीन समतलीकरण का काम पूरा कर लिया जायेगा. संजय झा ने कहा कि राज्य सरकार की संस्था बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड, पटना द्वारा उक्त भूमि पर मिट्टी भराई, समतलीकरण एवं चहारदीवारी निर्माण के लिए निविदा आमंत्रित की जा चुकी है.
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मिट्टी भराई के बाद शुरू होगा भवन निर्माण
मंत्री संजय झा ने कहा कि दरभंगा में एम्स के लिए आवंटित जमीन पर मिट्टी भराई का काम पूरा होने के बाद यहां भवन निर्माण का कार्य शुरू होगा. उन्होंने कहा कि चहारदीवारी का निर्माण भी समय से पूरा किया जायेगा. मिट्टी की उपलब्धता पर मंत्री संजय झा पहले ही कह चुके हैं कि जरुरत पड़ी तो जल संसाधन विभाग की ओर से नदी से मिट्टी की उड़ाही के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा. उन्होंने कहा है कि मिट्टी की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी.