बिहार के गोपालगंज में एसीजेएम एक मानवेंद्र मिश्र के एमपी-एमएलए कोर्ट में पूर्व सांसद व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के साले अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधु यादव को गुरुवार को सरेंडर किया. उन्हें कोर्ट ने आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के तीन साल पुराने मामले में कोर्ट में समन किया था. कोर्ट में हाजिर होने के बाद साधु यादव को सशर्त जमानत दे दी गयी. सुनवाई के दौरान शर्त रखी कि हर सुनवाई की तिथि पर वो सदेह उपस्थित रहेंगे. कोर्ट ने जमानत याचिका को मंजूर कर लिया. इस मामले में आज फिर से कोर्ट में सुनवाई होनी है, जिसमें पूर्व सांसद को सदेह रहना होगा.
16 अक्तूबर 2020 को विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा प्रत्याशी साधु यादव के नेतृत्व में एक जुलूस निकाली गयी थी. इस जुलूस को बिना अनुमति के हजियापुर से निकाल कर मौनिया चौक तक लाया गया था. साथ ही, पूरे शहर में नारेबाजी की गयी. नगर थाने में सदर प्रखंड के सीओ विजय सिंह, जो यूपी के सुल्तानपुर जिले के मीरपुर गांव के रहने वाले थे, उन्होंने आदर्श आचार संहिता उल्लंघन की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसी मामले में कोर्ट से समन जारी किया था. उसके बाद पूर्व सांसद अपने अधिवक्ता मुश्ताक आजम के साथ कोर्ट में हाजिर होकर जमानत की अपील की.
गुरूवार को सुनवाई के दौरान अभियोजन पदाधिकारी आनंद शंकर शर्मा ने साधु यादव की जमानत याचिका का विरोध किया. अभियोजन पदाधिकारी के विरोध व बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने सशर्त जमानत को मंजूर किया. साधु यादव के सरेंडर करने के दौरान उनके समर्थकों की भीड़ लगी रही. मुखिया रामाज्ञा यादव, प्रमोद सिंह आदि कोर्ट में मौजूद थे. बताया जा रहा है कि आज मामले में दोपहर के बाद सुनवाई की जा सकती है. वर्तमान में साधु यादव गोपालगंज में ही हैं. बता दें कि इससे पहले पटना के एमपी-एमएलए कोर्ट ने 2001 के एक मामले में सुनवाई करते हुए साधु यादव को तीन साल जेल की सजा दी है.