सर्पदंश पर तुरंत करें ये उपाय, उतर जाएगा जहर !, लापरवाही किया तो जा सकती है जान
Snakebite चार- पांच प्रजाती के सांप ही जहरीले होते हैं. जिनके काटने से लोगों की मौत हो जाती है.ये हैं कोबरा,करैत,रसल्स वाइपर और शॉ स्केल्ड वाइपर. इनके काटने से मौत हो सकती है.विशेषज्ञ बताते हैं कि इसमें सबसे ज्यादा घातक जहर कोबरा सांप का होता है.
मानसून खत्म होने में कुछ ही दिन बचे हैं. खत्म हो रहे मानसूम से पहले मौसम विभाग ने बिहार में अगले 48 घंटे तेज हवा के साथ अच्छी बारिश होने का पूर्वानुमान बताया है. दक्षिण बिहार में उत्तरी बिहार की तुलना में अधिक बारिश होने के आसार हैं. पिछले दो दिनों से हो रही बारिश के कारण बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में सांप का आतंक (snakebite) बढ़ गया है.
सांप काटने से नहीं डर से होती है ज्यादा मौत
दरअसल, बारिश से बिलों में पानी भर जाने के कारण सांप सूखे स्थान की तलाश में खेतों से निकल कर घरों में प्रवेश करने लगे हैं.घर में हलचल के कारण बारिश से बचने के लिए शरण लिए सांप आक्रमक हो जाते हैं और वो आक्रमण कर देते हैं.आपको बता दें सांप के 150 से ज्यादा प्रजाती होते हैं. इसमें चार- पांच प्रजाती के सांप ही जहरीले होते हैं. जिनके काटने से लोगों की मौत हो जाती है.ये हैं कोबरा,करैत,रसल्स वाइपर और शॉ स्केल्ड वाइपर. इनके काटने से मौत हो सकती है.विशेषज्ञ बताते हैं कि इसमें सबसे ज्यादा घातक जहर कोबरा सांप का होता है. जिसमें समय पर इलाज न मिलने से तीन घण्टे में मौत हो जाती है.
सांप काट ले तो कैसे करें बचाव
1.किसी भी प्रकार के सांप काटने पर सबसे पहले तो घबराएं नहीं,शांत रहें
2.काटे गए स्थान को हिलाए डुलाए नहीं और उसे एंटी वेनम लगवाएं
3.पीड़ित के शरीर पर कोई भी कसाव वाली वस्तु न रहने दें(बेल्ट,जूते की लेस)न बंधे रहने दे,इससे रक्तचाप बढ़ता है.
4.पीड़ित को जितनी जल्दी हो सके, पास के स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं व डॉक्टरी उपचार करवाएं
सर्पदंश के दौरान क्या नहीं करें
1.ओझा या तांत्रिक के पास जाकर झाड़ फूंक नहीं करवायें.
2.काटे गए स्थान पर ब्लेड व धारीदार वस्तु न लगाए
3.पीड़ित को ज्यादा चलने न दें,व उसे किसी वाहन व व्हीलचेयर या स्ट्रेचर की सहायता से स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं.
4.कोबरा या करैत सांप के काटने पर पीडि़त को सोने न दें.
5 सोने पर रक्त का प्रवाह तेजी से बढ़ता है
सांप दंश से कैसे बचें
1.घरों के आस-पास साफ-सफाई रखें,कोई कबाड़ न होने दें.
2.घरों में चूहे के बिलों को बंद करके रखें.
3.पानी निकासी के मार्गों पर बारीक जाली लगाएं.
4.घरों में किसी बेला या पेड़ से लटकी हुई डाल को न रहने दें.
5. तंग जगह व बिल में हाथ न डालें