Bihar News: सुब्रत रॉय के इंतजार में खड़े लोगों के हत्थे चढ़ गया सहारा एजेंट, जमकर की पिटाई, वीडियो वायरल

पटना में शुक्रवार को सहारा के मालिक की कोर्ट में पेशी थी. सुब्रत रॉय तो नहीं पहुंचे, लेकिन उनके एजेंट वहां पहुंच गये. इसी बीच सहारा में पैसे फंसा चुके लोगों की नजर एजेंट पर पड़ी. इसके बाद नाराज भीड़ का गुस्सा फूट पड़ा और उसकी पिटाई कर दी.

By Prabhat Khabar News Desk | May 14, 2022 7:34 AM

पटना. सहारा इंडिया के मालिक सुब्रत रॉय के पटना हाइकोर्ट में पेश नहीं होने पर लोगों ने अपना गुस्सा एजेंट पर ही निकाल दिया. शुक्रवार को सहारा के मालिक की कोर्ट में पेशी थी. सुब्रत रॉय तो नहीं पहुंचे, लेकिन उनके एजेंट वहां पहुंच गये. इसी बीच सहारा में पैसे फंसा चुके लोगों की नजर एजेंट पर पड़ी. इसके बाद नाराज भीड़ का गुस्सा फूट पड़ा और उसकी पिटाई कर दी. इसका वीडियो भी बनाकर वायरल कर दिया. अंत में किसी तरह एजेंट ने मौके से भाग कर अपनी जान बचायी.

बड़ी संख्या में पहुंचे थे इनवेस्टर्स

दरअसल, सुब्रत रॉय के हाइकोर्ट पहुंचने की बात सुन अहले सुबह से बड़ी संख्या में इनवेस्टर्स हाइकोर्ट के पास पहुंचे थे. सुब्रत राॅय को सुबह 10.30 तक पहुंचना था, लेकिन वो 11 बजे तक वहां नहीं पहुंचे. इस बीच लोगों की नजर सहारा इंडिया के एक एजेंट पर पड़ गयी. एजेंट ने किसी तरह वहां से भाग कर अपनी जान बचायी. लोगों ने बताया कि ये एजेंट लोगों को परेशान करता है. डराता-धमकाता है. जब लोग मीटिंग करते हैं तो एजेंट वहां मारपीट करता है.

पैसे के कारण अटकी है बेटी की शादी

हाइकोर्ट पहुंची एक महिला ने बताया कि 2012 में ही बेटी की शादी के लिए पैसा फिक्स की थी. जब जरूरत पड़ने पर पैसे निकालने की बारी आयी तो पता चला कि पैसा अभी नहीं मिल रहा. अपने हक के रुपये के लिए दफ्तर से लेकर हाइकोर्ट तक गये. इसके बाद भी पैसा नहीं मिल रहा है. इस पैसे के कारण उनकी बेटी की शादी रुकी है.

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सात से आठ करोड़ रुपये अटके

मौके पर उपस्थित एक निवेशक आफताब ने बताया कि मैं सुबह से 100 पासबुक लेकर यहां खड़ा हूं.सहारा में उनके द्वारा जमा करने के लिए लिये गये 7-8 करोड़ रुपया अटक गया है. बाहर निकलते ही लोग पैसा मांगने लगते हैं. उनका घर से निकलना मुश्किल हो गया है.

उग्रवादी घोषित कर नौकरी से निकाल दिया

रमेश कुमार नाम के एक व्यक्ति ने बताया कि वे जमाकर्ता और वसूलकर्ता दोनों थे. उनके 5 लाख अटके हुए थे. जब उन्होंने अपना पैसा मांगा तो उन्हें उग्रवादी बताकर नौकरी से बाहर निकाल दिया गया. जोन में जाने पर वहां के पदाधिकारी मारपीट कर भगा देते हैं.

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