सहरसा के स्टेडियम में खेलने पर पुलिस ने उधेड़ दी नाबालिग की चमड़ी, बोले- पता है कितना महंगा मैट बिछा है..
सहरसा सदर थाना में पदस्थापित दो दबंग दरोगा की दबंगई का एक मामला प्रकाश में आया है. आरोप है कि दोनों दबंग दरोगा ने मिलकर इंडोर स्टेडियम खेलने पहुंचे 12वीं के छात्र 16 वर्षीय सुशांत कुमार की बेरहमी से पिटाई की है. फिलहाल बुरी तरह से घायल छात्र सदर अस्पताल में भर्ती है.
सहरसा सदर थाना में पदस्थापित दो दबंग दरोगा की दबंगई का एक मामला प्रकाश में आया है. आरोप है कि दोनों दबंग दरोगा ने मिलकर इंडोर स्टेडियम खेलने पहुंचे 12वीं के छात्र 16 वर्षीय सुशांत कुमार की बेरहमी से पिटाई की है. फिलहाल बुरी तरह से घायल छात्र सदर अस्पताल में भर्ती है. जहां उसका इलाज चल रहा है. मामले को लेकर पीड़ित छात्र ने डीआईजी व एसपी को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी है.
छात्र ने बतायी पूरी घटना
सुशांत कुमार ने बताया कि वह बीते 28 सितंबर को शाम 5 बजे इंडोर स्टेडियम में दोस्तों के साथ खेलने गया था. सभी चप्पल में खेल रहे थे. उसी दौरान दो पुलिस अधिकारी आए और बोले कि यहां क्यों खेल रहे हो. मैंने कहा कि स्टेडियम तो खेलने के लिए ही बना है. पुलिस अधिकारी ने कहा कि जानते हो कितना महंगा मैट है. इसके बाद पिटाई कर दी. फिर दरोगा श्वेत कमल ने पैंथर जवान को बुला लिया. पैंथर के जवान के पहुंचने के बाद सुशांत समेत उनके दो दोस्तों को स्टेडियम से उठाकर सदर थाना लाया गया. जहां सदर थाने में बने बाथरूम के पास ले जाकर कैमरे को ऊपर उठा दिया गया. उसके बाद डंडे से उसकी बेरहमी से पिटाई की गयी. पिटाई के दौरान एक पैंथर के जवान द्वारा सुशांत के सीने पर जूते से प्रहार किया गया. जिससे उसके रीढ़ की हड्डी फैक्चर हो गयी है.
झूठे केस में फंसाने की दी गयी धमकी
पुलिस की बर्बरता पूर्ण पिटाई से घायल छात्र सुशांत काफी डरा सहमा है. पीड़ित ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए कहा कि पुलिस पदाधिकारियों द्वारा बेरहमी से पिटाई किए जाने के बाद उन्हें हथियार तस्करी व नशीली पदार्थों की तस्करी के में केस में फंसा देने की धमकी दी गयी. प्रीत ने बताया कि पिटाई के बाद मामले को लेकर किसी भी तरह से खुलासा करने पर फंसा देने की बात अधिकारियों द्वारा कही गयी.
मारपीट किए जाने का वीडियो डिलीट करने का आरोप
छात्र ने बताया कि इंडोर स्टेडियम में उनके साथ की जा रही मारपीट का वीडियो उनके दोस्तों के द्वारा बनाया जा रहा था. बनाये गये वीडियो को पदाधिकारियों ने तुरंत ही मोबाइल छीन डिलीट कर मोबाइल को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. पीड़ित ने कहा कि सदर थाना ले जाने के बाद परिजनों से बात करने की विनती किए जाने के बाद भी उन्हें बात करने नहीं दिया गया. ढाई घंटे के बाद उन्हें छोड़ा गया.
दरोगा ने आरोप को बताया निराधार
पूर मामले को लेकर पूछे जाने पर दरोगा श्वेत कमल ने पूरे मामले को निराधार बताया. उन्होंने कहा कि बच्चे इंडोर स्टेडियम में पहुंचकर उत्पात मचा रहे थे. जिन्हें समझा-बुझाकर पुलिस बल को बुलाकर थाना भेज दिया गया. मारपीट नहीं की गयी. मामले को लेकर पूछे जाने पर मुख्यालय डीएसपी एजाज हफिज मनी बताया कि ड्यूटी के दौरान किसी भी अधिकारी व पदाधिकारी के द्वारा इस तरह की घटना को अंजाम दिया जाने की कोई सूचना नहीं है. व्यक्तिगत तौर पर इस तरह की घटना को अगर अंजाम दिया गया है तो मामले की जांच कर दोषियों पर उचित कार्रवाई की जायेगी.