सहरसा: कटाव से बचाव के लिए ग्रामीणों का प्रयास, चंदा इकट्ठा कर बनाया 20 फीट ऊंचा व आधा किमी लंबा सुरक्षा बांध
2015 में केदली पंचायत का एक बड़ा भू भाग रामपुर छतवान गांव कटकर कोसी नदी में विलीन हो गया था. यहां की घनी आबादी कोसी पूर्वी तटबंध के पूर्वी भाग के विभिन्न गांव में अपने रिश्तेदारों के सहारे व अन्य जगहों सहित कोसी पूर्वी तटबंध के किनारे झुग्गी-झोपड़ी बनाकर जीवन जीने को विवश है.
सहरसा: नवहट्टा प्रखंड क्षेत्र के सात पंचायत की आबादी कोसी पूर्वी व पश्चिमी तटबंध के अंदर निवास करती है. जहां 2015 में केदली पंचायत का एक बड़ा भू भाग रामपुर छतवान गांव कटकर कोसी नदी में विलीन हो गया था. यहां की घनी आबादी कोसी पूर्वी तटबंध के पूर्वी भाग के विभिन्न गांव में अपने रिश्तेदारों के सहारे व अन्य जगहों सहित कोसी पूर्वी तटबंध के किनारे झुग्गी-झोपड़ी बनाकर जीवन जीने को विवश है. पिछले तीन वर्षों से डरहार व गोविंदपुर गांव पर कोसी नदी के कटाव ने अपना निशाना बना लिया है, लेकिन रामपुर छतवन गांव को उजड़ने के दिन को याद करते हुए गांवों को कटाव से सुरक्षा को लेकर कोशिश शुरू कर दी है.
फसल सुरक्षा बांध योजना के तहत खानापूर्ति कर किया गया है पैसे का उठाव
जहां प्रशासनिक व्यवस्था नहीं होने पर ग्रामीणों द्वारा पांच लाख रुपये से अधिक के चंदा से डरहार पंचायत के महुआ में फ़सल सुरक्षा बांध का निर्माण किया जा रहा है. जिसमें मुख्य रूप से गोविंदपुर, डरहार, बरहारा के लोग शामिल हैं. महुआ के समीप कोसी नदी की उपधारा के मुहाने पर ढाई सौ से अधिक बांस की पेलिंग कर बीस फीट ऊंचा बांध का आधा किमी में निर्माण किया गया है. जो इलाका में चर्चा का विषय बना हुआ है. डरहार पंचायत के वार्ड नंबर एक में तीन मनरेगा योजना से फसल सुरक्षा बांध योजना के तहत पेटी कांट्रेक्टर के द्वारा जेसीबी से कार्य के नाम पर खानापूर्ति कर राशि का उठाव कर लिया है, लेकिन जहां उपर्युक्त जगह सुरक्षा बांध बनना चाहिए. वहां ग्रामीणों द्वारा चंदा इकट्ठा कर ऊंचा रिंग बांध का निर्माण कराया गया है.
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फसल सुरक्षा योजना के नाम पर हुआ है फर्जीवाड़ा
डरहार वार्ड नंबर एक में फसल सुरक्षा योजना के नाम पर महंथी रजक के घर से धरोश साह के खेत तक फसल सुरक्षा बांध, भूषण साह की खेत से लेकर साधु साह के खेत तक फसल सुरक्षा बांध, साधु साह की खेत से लेकर सूर्यनारायण सादा की खेत तक, राजेंद्र साह की खेत से लेकर धर्मेंद्र साह की खेत व अन्य कई फसल सुरक्षा योजना के नाम पर फर्जीवाड़े तरीके से सड़क की जगह फसल सुरक्षा बांध निर्माण कर राशि का उठाव कर लिया है. इधर गांव को कटाव से बचाने के लिए जहां सुरक्षा बांध की जरूरत है, वहां चंदा इकट्ठा कर सुरक्षा बांध का निर्माण किया जा रहा है.