जंकशन परिसर का अतिक्रमण, परेशानी

सहरसा : पूर्व-मध्य रेल का सहरसा जंकशन परिसर हमेशा अतिक्रमणकारियों के कब्जे में रहता है. अतिक्रमणकारी दुकानदारों द्वारा परिसर में दुकान सजा कर अधिकारियों के आदेश को ठेंगा दिखाया जा रहा है. सहरसा जंकशन के उत्तरी मुख्य द्वार पर ऑटो चालकों द्वारा सड़क के बीच गाड़ी खड़ी कर जाम लगा दिया जाता है. प्लेटफॉर्म नंबर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 24, 2017 4:51 AM

सहरसा : पूर्व-मध्य रेल का सहरसा जंकशन परिसर हमेशा अतिक्रमणकारियों के कब्जे में रहता है. अतिक्रमणकारी दुकानदारों द्वारा परिसर में दुकान सजा कर अधिकारियों के आदेश को ठेंगा दिखाया जा रहा है. सहरसा जंकशन के उत्तरी मुख्य द्वार पर ऑटो चालकों द्वारा सड़क के बीच गाड़ी खड़ी कर जाम लगा दिया जाता है. प्लेटफॉर्म नंबर एक के निकासी द्वार सड़क के किनारे छोटे-मोटे कटघरा व फुटपाथी दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण कर दुकान सजाने की प्रक्रिया चालू है.

इस वजह से लोगों का स्टेशन पर प्रवेश व निकासी एक ही मार्ग से हो रहा है. जबकि प्लेटफॉर्म नंबर दो बंगाली बाजार के मुख्य द्वार के निकट टैक्सी स्टैंड व बंगाली बाजार ढाला पर पटरियों के बीच में ठेला-खोमचा लगाकर सड़क अतिक्रमण करने की वजह से रेल यात्रियों को कठिनाई हो रही है. कई बार रेल के उच्चाधिकारियों को शिकायत करने के बाद भी विभाग उदासीन बना हुआ है.

पुलिस पर बढ़ावा देने का आरोप: स्थानीय लोगों ने बताया कि पुलिस की मिलीभगत से अतिक्रमण का दायरा बढ़ता जा रहा है. जबकि रेलवे के बड़े अधिकारियों के आगमन पूर्व अवैध दुकानों को हटा लिया जाता है. मालूम हो कि बंगाली बाजार ढाला पर अतिक्रमण की वजह से हमेशा सड़क जाम की स्थिति बनी रहती है. ऐसी बात नहीं है कि इन अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होती है. स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा कार्रवाई भी की जाती है, लेकिन सख्त व लगातार कार्रवाई नहीं होने से इन अतिक्रमणकारियों के हौसला कम नहीं होता है. हालांकि वरीय अधिकारियों के आने से पूर्व इसे हटा लिया जाता है. लोगो ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है.
लड़ने पर होते हैं उतारू
स्थानीय लोगो व कई यात्रियों ने बताया कि यह कोई एक दिन का दृश्य नहीं है. यह बस अधिकारियों के आने के दिन ही नजर नहीं आता है. लोगो ने कहा कि अतिक्रमणकारियों के हौसले इतने बुलंद है कि यदि स्टेशन परिसर में प्रवेश करने व निकलने में कोई परेशानी होती है और कोई विरोध जता दे, तो फिर सभी अतिक्रमणकारी एक साथ मिल कर लड़ने पर उतारू हो जाते हैं. यदि किसी के साथ परिवार है तो वह भूल कर भी विरोध नहीं करे, अन्यथा बेइज्जत होना पड़ता है.

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