सहरसा : बीते 29 अगस्त को एक लड़की के अगवा होने की प्राथमिकी सदर थाने में दर्ज हुई थी. पुलिस ने कुछ युवकों को संदेह के आधार पर मोबाइल पर बातचीत और फेसबुक टिप्पणी के आधार पर हिरासत में लिया. लेकिन, पुलिस ने सदर थाने के पंचवटी चौक से उठा कर लाये लालू नाम के लड़के के साथ बीती रात ‘थर्ड डिग्री’ के साथ न जाने कौन-कौन-सी ‘डिग्री’ का इस्तेमाल किया.
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लालू को बेहरहमी से इतना पीटा गया कि उसके जिस्म पर उभरे जख्म के निशान पुलिस की बर्बरता के जिंदा इश्तेहार हैं. सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराये गये लालू की स्थिति बेहद नाजुक देखते हुए चिकित्सक ने बेहतर इलाज के लिए उसे डीएमसीएच दरभंगा रेफर कर दिया है. लेकिन, लालू के परिजन और स्थानीय लोगों ने उसे तिरंगा चौक स्थित निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया है. लालू की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है.
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संभव है लालू दोषी हो, लेकिन पुलिस की इस बर्बरता की जांच मानवाधिकार आयोग को करना चाहिए. लालू के भाई ने कहा कि गुरुवार शाम में मेरे भाई को बुलाकर थाने ले गया. वहां घंटों रखने के बाद मुझे बुलाया गया और थानेदार अपने कमरे में मुझे ले गया. वहां मेरा भाई गिरा-पड़ा था. जब मैंने अपने भाई को उठाने लगा, तो वह जमीन पर गिर पड़ा. वह बेहोशी की हालत में था. थानेदार ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर मेरे भाई को बुरी तरह से पीटा. अस्पताल से रेफर कर दिया गया है.
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क्या कहते हैं अधिकारी
लालू की पिटाई को लेकर पूछने पर मुख्यालय डीएसपी गणपति ठाकुर ने कहा कि सदर थाने में दर्ज कांड संख्या 885/17 की धारा 365 में पूछताछ के लिए लालू को लाया गया था. लड़की की बरामदगी नहीं हुई है. पूछताछ के क्रम में वह गिर गया. डॉक्टर से दिखाने पर उसे लो ब्लड प्रेशर बताया है. मारपीट की जहां तक बात है, उसकी सूचना मुझे मिली है. जांच में अगर दोषी पाये गये, तो संबंधित पदाधिकारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी.