पतरघट : गोलमा पश्चिमी पंचायत के अंतर्गत अर्जुनपुर बस्ती में एक सप्ताह से डायरिया के भीषण प्रकोप है. इससे एक बच्चे की मौत हो गयी तथा दर्जनों लोग बुरी तरह प्रभावित हैं. मिली जानकारी के अनुसार बुधवार की सुबह एक आठ वर्षीय स्कूली छात्र रमण कुमार की मौत डायरिया की वजह से हुई.
जबकि उक्त बस्ती के ही मीरा देवी 36 वर्ष, जनक मुखिया 70 वर्ष, सजीदा खातून 3 वर्ष, मो अजामुल 5 वर्ष, मो जुबो खातून 30 वर्ष, मो भिखन 20 वर्ष, मो अरबाज 25 वर्ष, चुकभुक 8 वर्ष, पुनम देवी 30 वर्ष, सोनी देवी 35 वर्ष सहित कई अन्य लोग डायरिया की चपेट में आने से बुरी तरह से बीमार हैं. सब का इलाज सरकारी डॉक्टर के बजाय ग्रामीण चिकित्सक के भरोसे चल रहा है. बस्ती में एक सप्ताह से भीषण डायरिया ने महामारी का रूप ले लिया है.
इस संबंध में परिजनों सहित स्थानीय मुखिया रेखा देवी, पूर्व मुखिया शैलेंद्र कुमार, उप मुखिया सियालाल यादव, समिति सदस्य मनोज यादव सहित अन्य ने बताया कि उन लोगों द्वारा कई बार मोबाइल से पीएचसी प्रभारी डॉ एलपी भगत को इस आशय की जानकारी दी, लेकिन पीएचसी प्रभारी द्वारा उक्त मामले की लगातार अनदेखी की जाती रही. वहीं वयोवृद्ध 70 वर्षीय जनक मुखिया की गंभीर हालत को देखते हुए परिजनों द्वारा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. जबकि स्कूली छात्र की मौत की सूचना पाते ही स्थानीय लोगों ने पीएचसी प्रभारी के विरुद्ध आक्रोश प्रकट करते हुए नारेबाजी की. बच्चे की मौत की सूचना पाते ही पूर्व मुखिया शैलेंद्र कुमार ने बुधवार की सुबह बस्ती पहुंच कर इसकी सूचना सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार सिंह को मोबाइल पर दी. इस पर सिविल सर्जन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उक्त बस्ती में आवश्यक दवा व स्लाइन के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम को भेज कर बीमार लोगों के समुचित इलाज का निर्देश दिया. इसके साथ ही सीएस, डॉ बीके प्रशांत, एएनएम अर्चना सिन्हा, स्वास्थ्य कर्मी डीनू कुमार, कौशल किशोर, बद्री सादा के साथ बस्ती पहुंचे. कई मरीजों की गंभीर स्थिति को देख एंबुलेंस से पीएचसी पतरघट भेजा. पीएचसी रेफर किये जाने वाले मरीजों में मीरा देवी, सजीदा खातून, मो अजामुल, पुनम देवी शामिल हैं. मौके पर आंगनबाड़ी सेविका सोनी कुमारी, आशा कार्यकर्ता चंद्रमा कुमारी मौजूद थे.