प्रियंका मामला : बारकोडिंग की अनियमितता में PRS गिरफ्तार, कोर्ट के निर्देश पर छात्रा को मिल चुका है न्याय

सहरसा : राजकीय कन्या उच्च विद्यालय सहरसा केंद्र पर उप विकास आयुक्त के निर्देशन में वार्षिक माध्यमिक परीक्षा 2017 उत्तर पुस्तिका पर बारकोड चस्पा करने का कार्य के दौरान छात्रा प्रियंका के उत्तरपुस्तिका को फाड़कर संतुष्टि कुमारी की उत्तरपुस्तिका में चस्पा देने मामले में कांड के अनुसंधानकर्ता सदर एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी ने कहरा प्रखंड के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 24, 2017 10:34 PM

सहरसा : राजकीय कन्या उच्च विद्यालय सहरसा केंद्र पर उप विकास आयुक्त के निर्देशन में वार्षिक माध्यमिक परीक्षा 2017 उत्तर पुस्तिका पर बारकोड चस्पा करने का कार्य के दौरान छात्रा प्रियंका के उत्तरपुस्तिका को फाड़कर संतुष्टि कुमारी की उत्तरपुस्तिका में चस्पा देने मामले में कांड के अनुसंधानकर्ता सदर एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी ने कहरा प्रखंड के सिरादेयपट्टी पंचायत के पीआरएस डुमरैल निवासी आलोक कुमार को गिरफ्तार कर लिया.

उन्होंने बताया कि अनुसंधान के दौरान पीआरएस के बारकोडिंग कार्य में तैनात होने की बात सामने आयी थी. जिसके आधार पर उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है. वहीं अनुसंधान जारी है. कई लोगों पर नजर रखी जा रही है.

मालूम हो कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के प्रशाखा पदाधिकारी अंजनी कुमार सिन्हा ने वार्षिक माध्यमिक परीक्षा 2017 की व्यवहृत उत्तर पुस्तिका के गोपनीय बारकोडिंग में पायी गयी अनियमितता के लिए दोषी कर्मियों के विरुद्ध सदर थाना में मामला दर्ज करवाया था.

क्या था मामला
सदर थानाध्यक्ष को दिये आवेदन में प्रशाखा पदाधिकारी ने कहा था कि वार्षिक माध्यमिक परीक्षा 2017 की एक परीक्षार्थी प्रियंका सिंह रौल कोड 41047 एवं रौल नंबर 1700124 ने अपने परीक्षाफल से असंतुष्ट होकर दायर किये गये समादेश याचिका के क्रम में उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर वस्तुस्थिति की जांच करायी थी. जांच के दौरान यह प्रमाणित हुआ कि उक्त परीक्षार्थी प्रियंका सिंह के द्वारा व्यवहृत दो विषयों विज्ञान एवं संस्कृत की उत्तर पुस्तिका के कवर पेज पर एक अन्य औसत दर्जे की परीक्षार्थी का गोपनीय बारकोड संख्या 206964572 एवं 208868921 चस्पा दिया गया.

फलत: प्रियंका सिंह के उक्त दोनों विषयों की उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन अन्य परीक्षार्थी संतुष्टि कुमारी रौल कोड 41047 व रौल नंबर 1700162 के पक्ष में कर दिया गया. जिसमें काफी अच्छे अंक प्राप्त हुए थे. संतुष्टि कुमारी द्वारा व्यवहृत उन दोनों विषयों की उत्तर पुस्तिका पर प्रियंका सिंह के लिए आवंटित बारकोड संख्या 206964520 एवं 208868922 चिपका दिया गया. जिसका मूल्यांकन प्रियंका सिंह के पक्ष में स्वभाविक रूप से किया गया. इसके प्रतिफल के रूप में प्रियंका सिंह को अत्यंत असंतोषप्रद अंक प्राप्त हुए.

जांच समिति के प्रतिवेदन में प्रियंका सिंह के व्यवहृत अन्य विषयों की उत्तर पुस्तिकाओं में उनकी हस्तलिपि एवं प्रासंगिक दो विषयों की उत्तर पुस्तिकाओं में अंतर है. बारकोडिंग में जान बूझकर अनियमितता बरती गयी थी. दोनों विषयों की व्यवहृत उत्तर पुस्तिकाओं की गोपनीय बारकोडिंग के लिए कर्तव्यारूढ़ संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मी द्वारा प्रियंका सिंह के परीक्षाफल को प्रभावित करते हुए परीक्षार्थी संतुष्टि कुमारी को नाजायज लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से साजिशपूर्वक यह कार्य किया गया. बदनियती से गलत बारकोडिंग जानबूझकर किया गया.

हिम्मत नहीं हारी प्रियंका ने
सहरसा जिला अंतर्गत सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के सिटानाबाद पंचायत के गंगा प्रसाद टोले के निवासी राजीव सिंह की पुत्री प्रियंका सिंह के साथ.नकारात्मक छवि के रूप में पहचान बना चुका बिहार विद्यालय परीक्षा समिति एक बार फिर सुर्खियों में है. सिमरी बख्तियारपुर अंतर्गत सिटानाबाद पंचायत की रहने वाली प्रियंका सिंह ने हाई कोर्ट में अपने मैट्रिक रिजल्ट से असंतुष्ट होकर याचिका दायर की और लगभग तेरह सुनवाई के बाद जीत भी हासिल की. हाई कोर्ट ने निर्णय सुनाते हुए प्रियंका को सही ठहराया और बोर्ड को पांच लाख रुपया प्रियंका के परिजनों को देने का आदेश दिया.

प्रियंका ने 2017 की मैट्रिक परीक्षा सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर डीडी हाई स्‍कूल सरडीहा से दी थी. प्रियंका का रोल कोड 41047 और रोल नंबर 1700124 था. कोर्ट में चली सुनवाई के बाद प्रियंका को नया नंबर मिला. अब वह सिर्फ फर्स्‍ट डिवीजन में पास ही नहीं है, बल्कि टॉप टेन के करीब पहुंच गयी है. इसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए एग्‍जामिनेशन बोर्ड को पांच लाख रूपये का जुर्माना भरने को कहा.

पीआरएस ने कहा मौखिक आदेश पर हुई थी तैनाती
मामले में गिरफ्तार पीआरएस आलोक कुमार ने कहा कि उसे इस मामले में बलि का बकरा बनाया गया है. बारकोड चस्पाने के कार्य में उसे लिखित आदेश नहीं दिया गया था. वरीय अधिकारियों के मौखिक आदेश पर वह कार्य कर रहा था. संविदा कर्मियों को वरीय अधिकारियों के मौखिक आदेश पर ही कई कार्य करना पड़ रहा है. केंद्र पर एडीएम के साथ लिखने का कार्य उसके द्वारा किया गया. उन्होंने कहा कि उसके अलावे कई कर्मी वहां तैनात थे. अंदर में व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं थी. सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक कार्य लिया जा रहा था. खाने पीने की भी व्यवस्था अंदर में ही थी. पीआरएस ने कहा कि एक दिन में 12 से 16 सौ तक कॉपी पर कार्य किया जाता था. उन्होंने पुलिस से मामले की निष्पक्ष जांच कर न्याय की मांग की है.

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