गंगजला के लिए भी आरओबी की मांग कर ही डालिए साहब!

मार्च से सहरसा-सुपौल रेलखंड पर चलेगी रेलगाड़ियां, बढ़ेगी जाम की मुसीबत बंगाली बाजार की तरह रेल समपार संख्या 32 पर भी है आरओबी की जरूरत सहरसा : सरकार के प्रतिनिधियों व विधि-व्यवस्था से संबंधित जिले के अधिकारयों को गंगजला स्थित रेलवे समपार संख्या 32 के लिए आरओबी का प्रस्ताव भेज देना चाहिए. क्योंकि शहर में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2017 6:26 AM

मार्च से सहरसा-सुपौल रेलखंड पर चलेगी रेलगाड़ियां, बढ़ेगी जाम की मुसीबत

बंगाली बाजार की तरह रेल समपार संख्या 32 पर भी है आरओबी की जरूरत
सहरसा : सरकार के प्रतिनिधियों व विधि-व्यवस्था से संबंधित जिले के अधिकारयों को गंगजला स्थित रेलवे समपार संख्या 32 के लिए आरओबी का प्रस्ताव भेज देना चाहिए. क्योंकि शहर में महाजाम की समस्या शीघ्र ही दुहराने वाली है. रेलवे की घोषणा के अनुसार मार्च से सहरसा-सुपौल रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन शुरू होगा. ट्रेनों का परिचालन शुरू होते ही बैरियर का गिरना शुरू होगा और हर घंटे जाम की समस्या बननी शुरू हो जाएगी.
अभी गुड्स ट्रेन लगा रही जाम: यह अलग बात है कि 19 वर्ष पूर्व बंगाली बाजार के रेल समपार संख्या 31 ए स्पेशल पर स्वीकृत व तीन-तीन बार शिलान्यासकृत ओवरब्रिज का निर्माण कार्य आज तक शुरू नहीं हो सका. हालांकि इसी महीने राज्य सरकार की हरी झंडी के बाद जून महीने से बंगाली बाजार में ओवरब्रिज बनने की संभावना प्रबल दिख रही है. शहर को दो भाग में बांटने और जाम की समस्या गहराने में बंगाली बाजार के अलावा गंगजला रेल क्रॉसिंग भी बराबर का भागीदार है.
गंगजला के इस रेल क्रॉसिंग पर भी आरओबी की जरूरत कई वर्षों से महसूस की जा रही है. लेकिन बंगाली बाजार में अब तक शुरू नहीं होने के कारण यहां के लिए कोई आवाज नहीं उठा रहा. जबकि बंगाली बाजार की तरह इस क्रॉसिंग पर भी आरओबी की उतनी ही आवश्यकता है. अभी रैक प्वाइंट तक गुड्स ट्रेन को पहुंचाने के लिए रेलवे ने ब्रॉड गेज की एक पटरी पूर्व में ही बिछा दी थी. तब से अब तक इस गुड्स ट्रेन के कारण लगभग रोज दो बार लंबे समय तक जाम की समस्या बनती है.
फिर से 12 बार गिरेगा रेलवे ढाला
25 दिसंबर 2016 को सहरसा-सुपौल रेलखंड पर छोटी रेल लाइन पर रेलगाड़ियों का अंतिम परिचालन हुआ था. उसके बाद अमान परिवर्तन का काम शुरू हुआ. पहले चरण में सहरसा से गढ़बरूआरी के बीच बड़ी रेल लाइन की पटरी बिछायी गयी. तेजी से चल रहे काम से अब दूसरे चरण में लगभग सुपौल तक पटरियां बिछा दी गयी हैं.
रेलवे की घोषणा के अनुसार सहरसा-सुपौल रेलखंड पर मार्च महीने से सवारी गाड़यों का परिचालन शुरू होना है. अमान परिवर्तन से पूर्व इस रेलखंड में मीटर गेज की छह जोड़ी सवारी गाड़ी चलती थी. िस कारण 12 बार बैरियर गिरता था और हर बार जाम की समस्या बनती थी. परिवर्तन होने तक परिचालन बंद रहने से रोज 12 बार लगने वाले जाम से शहर बचा रहा. लेकिन बीजी ट्रेन के शुरू होने से लगभग इतनी ही गाड़ियां एक बार फिर फेरा लगायेगी और महाजाम की समस्या भी लौट कर आ जाएगी.

Next Article

Exit mobile version