कने हसियौ ने सजनी गुलाब कहै-ए…
सहरसा : रोज डे के साथ ही वेलेंटाइन वीक की शुरुआत बुधवार से हो गयी है. यह वीक सिर्फ प्रेमी-प्रेमिका के लिए नहीं होता है, बल्कि बेटी-बेटा अपने माता-पिता को या शिक्षक के प्रति सम्मानपूर्वक प्रेम का इजहार कर सकते हैं. डॉक्टर अपने मरीजों को गुलाब देकर प्यार का संदेश दे सकते हैं. वेलेंटाइन वीक […]
सहरसा : रोज डे के साथ ही वेलेंटाइन वीक की शुरुआत बुधवार से हो गयी है. यह वीक सिर्फ प्रेमी-प्रेमिका के लिए नहीं होता है, बल्कि बेटी-बेटा अपने माता-पिता को या शिक्षक के प्रति सम्मानपूर्वक प्रेम का इजहार कर सकते हैं. डॉक्टर अपने मरीजों को गुलाब देकर प्यार का संदेश दे सकते हैं. वेलेंटाइन वीक शुरू होते ही बाजारों में एक अलग ही रौनक देखने को मिलती है और युवाओं में खासा उत्साह रहता है. बाजारों में भी गिफ्ट्स आइट्मस, कार्ड्स आदि की भरमार होती है.
लाल गुलाब प्यार का प्रतीक होता है, वहीं दूसरी ओर पीला रोज दोस्ती का प्रतीक होता है. अगर आपका किसी के साथ झगड़ा हो गया है और इस दिन रोज देकर उस झगड़े को भुला कर दोस्ती की शुरुआत कर सकते हैं. इस वीक में पूरा सप्ताह प्यार करने वालों को लिए ही होता है. रोज डे से ही वेलेंटाइन सप्ताह की खुशियां आपस में बांटने की कवायद शुरू की जाती है. हमारा ऐसा मानना है कि भी नए रिश्ते की शुरुआत करने से पहले एक तोहफा देने का रिवाज हमारी परंपराओं में बरसों से रहा है. इसलिए भी इस दिन पर प्यार करने वाले एक-दूसरे को फूल देकर अपने प्यार की शुरूआत करते हैं. रोज डे अपनी फीलिंग का इजहार करने के लिए अच्छा दिन माना जाता है. मिथिलांचल में पार्श्व गायक उदित नारायण के स्वर में लोकप्रिय गीत … कने हसियौ ने सजनी गुलाब कहे ये… जैसे एक से बढ़ कर एक लोकगीत इस अवसर को खास बनाते हैं.