सहरसा (प्रतिनिधि, सिमरी बख्तियारपुर) : बिहारमें सहरसाके सिमरी बख्तियारपुर में प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत प्राथमिक मकतब खोजुचक का जर्जर भवन विद्यालय सोमवार को छुट्टी देने के कुछ ही देर के बाद एकाएक धराशायी हो गया. गनीमत रही कि सभी बच्चे अपने घर को निकल चुके थे. नहीं तो, एक बड़ा हादसा हो सकता था. प्रधानाध्यापक नुजहत बानो ने बताया कि विद्यालय भवन कई वर्षों से जर्जर व कमजोर हो चुका था. इसके लिए शिक्षा विभाग, प्रशासन सहित सांसद एवं क्षेत्रीय विधायक को स्थानीय ग्रामीण अभिभावकों एवं विद्यालय परिवार की ओर से लिखित एवं मौखिक शिकायत की जा चुकी है. लेकिन, इस विद्यालय के भवन निर्माण की दिशा में कहीं से किसी ने सार्थक कदम नहीं उठाया.
सोमवार को भी छुट्टी के बाद विद्यालय के कुछ बच्चे ध्वस्त विद्यालय भवन के आस पास खेल रहे थे. यह तो गनीमत रही कि कोई बच्चा हताहत नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि इसी जर्जर भवन मे बच्चे बैठ कर एमडीएम खाते और पढ़ते भी है. ग्रामीण मो सादिर, बब्बन आलम, दिलदार हुसैन एवं विद्यालय तदर्थ शिक्षा समिति की अध्यक्षा साहिदा प्रवीण ने बताया कि विद्यालय संचालन के समय यह हादसा होता तो दर्जनों बच्चों की जान चली जाती. तब शिक्षा विभाग और प्रशासन सक्रिय होता.
प्रधानाध्यापक नुजहत ने बताया कि वर्ष 2003 में इस विद्यालय के भवन निर्माण के लिए दो लाख 40 हजार की राशि आयी थी. लेकिन, उस समय के प्रधान शिक्षक ने विद्यालय का भवन निर्माण नहीं कराया. बाद में उक्त राशि को संबंधित विभाग को वापस कर दिया गया. तब से ले कर आज तक इस विद्यालय भवन के निर्माण के लिए ग्रामीण सहित प्रबंधन समिति विभाग का चक्कर लगा कर थक चुकी है. वह कहती है कि इस विद्यालय में नामांकित बच्चों की संख्या 230 है. लेकिन बैठने की जगह नहीं होने के कारण इसका प्रतिकूल असर बच्चों की उपस्थिति पर पड़ रहा है.
विद्यालय के शिक्षक एहसानुल हक, शिक्षिका तबस्सुम एवं शकील बसर कहते है कि भवन गिर जाने से बच्चे काफी सहमे हुए हैं. अब विद्यालय में मात्र एक कमरा है. जिसमें कार्यालय, एमडीएम का सामान रखा है. आखिर अब बच्चे बैठे तो कहां बैठें.