VIDEO : सहरसा में टॉर्च की रोशनी में किया गया महिला का ऑपरेशन, स्वास्थ्य मंत्री ने दी सफाई
पटना : सहरसा में टॉर्च की रोशनी में सदर अस्पताल में महिला का ऑपरेशन किये जाने के मामले में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने सफाई देते हुए कहा कि घायलमहिला मरीज को ड्रेसिंग रूम में टांके दिये गये थे. कोई ऑपरेशन नहीं किया गया था. मामले में सिविल सर्जन से मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी […]
पटना : सहरसा में टॉर्च की रोशनी में सदर अस्पताल में महिला का ऑपरेशन किये जाने के मामले में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने सफाई देते हुए कहा कि घायलमहिला मरीज को ड्रेसिंग रूम में टांके दिये गये थे. कोई ऑपरेशन नहीं किया गया था. मामले में सिविल सर्जन से मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी गयी है. साथ हीउन्होंने कहा कि इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए.
Patient was injured & given stitches in dressing room, no operation was conducted. Have asked Civil surgeon about the incident&have sought a detailed report. Incidents like these shouldn't happen:Bihar Health Minister on a woman treated in torch light at Sadar Hospital in Saharsa pic.twitter.com/7x7SuizGQH
— ANI (@ANI) March 19, 2018
इससे पहलेबिहार में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध कराये जाने के सरकार के दावे का धता बताते हुए एक तस्वीर वायरल हो रही है. सहरसा में टॉर्च की रोशनी में एक महिला का ऑपरेशन करने का मामला सामने आया है. सहरसा के सदर अस्पताल में जेनरेटर की कोई व्यवस्था नहीं होने की बात सामने आयी है. इससे पहले भी खगड़िया जिले में मोबाइल की रोशनी में ऑपरेशन किये जाने की बात सामने आयी थी. वहीं, पिछले साल दिसंबर में उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में टॉर्च की रोशनी में 32 मरीजों की आंख का ऑपरेशन किया गया था.
#Bihar: A woman is operated upon in torch light at Sadar Hospital in Saharsa as there was no electricity at that time in the hospital. pic.twitter.com/VJxzwRifQF
— ANI (@ANI) March 19, 2018
#WATCH: A woman is operated upon in torch light at Sadar Hospital in Saharsa as there was no electricity at that time in the hospital. #Bihar pic.twitter.com/HN6T5I2683
— ANI (@ANI) March 19, 2018
जानकारी के मुताबिक, सहरसा के सदर अस्पताल में एक महिला का ऑपरेशन टॉर्च की रोशनी में किया गया. ऑपरेशन के समय अस्पताल में बिजली नहीं होने और जेनरेटर की व्यवस्था नहीं होने के कारण टॉर्च की रोशनी में चिकित्सकों ने महिला का इलाज किया. इस संबंध में अस्पताल प्रशासन ने अब तक कोई बयान जारी नहीं किया है.