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सहरसा के आलोक को 2017 का ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार

सहरसा : शहर के वार्ड नंबर 23 निवासी संस्कृत महाविद्यालय बनगांव में व्याख्याता प्रभाष चंद्र झा के पुत्र नवोदय विद्यालय केरल में शिक्षक के पद पर कार्यरत आलोक रंजन को वर्ष 2107 ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार से उनकी ‘सियाहत, एक यात्रा वृत्तांत’ किताब के लिए 14 मई को दिल्ली में नवाजा जायेगा. पुरस्कार के तौर पर […]

सहरसा : शहर के वार्ड नंबर 23 निवासी संस्कृत महाविद्यालय बनगांव में व्याख्याता प्रभाष चंद्र झा के पुत्र नवोदय विद्यालय केरल में शिक्षक के पद पर कार्यरत आलोक रंजन को वर्ष 2107 ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार से उनकी ‘सियाहत, एक यात्रा वृत्तांत’ किताब के लिए 14 मई को दिल्ली में नवाजा जायेगा. पुरस्कार के तौर पर उन्हें 50 हजार नकद, प्रशस्ति पत्र एवं वाग्देवी की प्रतिमा प्रदान की जायेगी.

मालूम हो कि नवलेखन पुरस्कार योजना के तहत वरिष्ठ लेखक विष्णु नागर की अध्यक्षता में गठित निर्णायक समिति ने दक्षिण भारत पर केंद्रित यात्रा वृतांत की पांडुलिपि को दिये जाने का निर्णय लिया था. समिति में मधुसूदन आंनद, ओम निश्चल, देवेंद्र चौबे शामिल थे. पुरस्कार मिलने की बात पर मोहल्ला सहित उनके पैतृक गांव सोनवर्षा प्रखंड के बड़गांव में उत्साह का माहौल है. तीन भाई में सबसे बड़े आलोक रंजन नवोदय में शिक्षक हैं. दूसरे भाई राजीव रंजन उर्फ रॉक स्टार कई राष्ट्रीय मंचों पर नाटकों में अभिनय कर चुके हैं. फिलहाल वे दिल्ली में रहते हैं.

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