सहरसा : मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र के आठ दिवसीय दौरे पर सहरसा पहुंचे लोकतांत्रिक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव केंद्र और राज्य सरकार के कार्यकलापों पर हमला बोला. साथ ही बिहार में भाजपा के साथ जदयू के सरकार बनाने पर भी जमकर निशाना साधा. एक न्यूज पोर्टल से बातचीत में उन्होंने कहा कि बिहार में डबल सांड की सरकार है और सांड पूरे इलाके को तबाह कर देता है.
शरद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी के डबल इंजन की सरकार के दावे पर इशारों-इशारों में हमला बोलते हुए कहा कि दोनों मिल कर सूबे को तबाह कर रहे हैं. विशेष राज्य के दर्जे पर राज्य सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि अब तो केंद्र और राज्य में डबल इंजन की सरकार है, तो अब किससे विशेष राज्य का दर्जा मांगा जा रहा है.
वहीं, शराब बंदी कानून पर सरकार और पुलिस को दोषी करार देते हुए कहा कि कानून व्यवस्था चौपट हो गयी है. कानून का इकबाल यहां खत्म हो चुका है. उन्होंने कहा कि कोई भी शराब माफिया जेल में नहीं है. शराबबंदी के नाम पर गरीब लोगों को जेल के अंदर कर दिया गया है. ये ऐसे लोग हैं, जो जमानत भी नहीं दे सकते. उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून में संशोधन की बात कहना मेरी बात की पुष्टि करता है. शराबबंदी के बाद दलाल किस्म के लोगों की मौज हो गयी है.
केंद्र सरकार द्वारा नोटबंदी किये जाने को लेकर कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार अपने वादे को छोड़ कर सबकुछ कर रही है. नोटबंदी के कारण बैंक ठप पड़ गये हैं. हमारे सबसे बड़े मजबूत स्तंभ रिजर्व बैंक ध्वस्त होने के कगार पर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि ललित मोदी, नीरव मोदी, विजय माल्या जैसे उद्योगपति खजाने की राशि लेकर देश से फरार हो गये और ‘चौकीदार’ सोते रहे. केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि किसानों को डेढ़ गुना आमदनी का भरोसा दिलाया था, जो पूरा नहीं हो सका. सरकार अगर समर्थन मूल्य किसानों को दिला दे, तो किसानों का कल्याण हो जायेगा. कोसी इलाके की नकदी फसल मक्का और मूंग की खेती करनेवाले किसानों को समर्थन मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है.
वहीं, मुख्यमंत्री की सात निश्चय योजना को छलावा बताते हुए कहा कि कहीं भी एक बूंद पानी की आपूर्ति नहीं की जा रही है. दूसरी ओर, चलने लायक सड़कों को भी खोद कर बरबाद कर दिया गया है. खनन नीति ने लोगों को परेशान कर रखा है. मेधावी छात्र-छात्राएं आत्महत्या करने पर विवश हैं. ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों के अधिकार निष्क्रिय कर दिये गये हैं. मनरेगा मजाक बन कर रह गया है. उन्होंने कहा कि गठबंधन की सरकार को तोड़ने के बाद मुख्यमंत्री की छवि समाप्त हो गयी है.