मानवता शर्मसार : घर से 25 किलोमीटर दूर था पोस्टमार्टम हाउस, शव लेकर जाना पड़ा बाइक से
शनिवार की शाम नदी में डूब जाने से सात साल के बच्चे की हो गयी थी मौत सहरसा : सरकार भले ही सुविधाओं का लाख दावा कर ले, लेकिन जिन पर दावे को अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी है उन्हें जब तक अपनी जिम्मेदारी का एहसास नहीं होगा, सरकार के दावे खोखले ही साबित होते रहेंगे. […]
शनिवार की शाम नदी में डूब जाने से सात साल के बच्चे की हो गयी थी मौत
सहरसा : सरकार भले ही सुविधाओं का लाख दावा कर ले, लेकिन जिन पर दावे को अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी है उन्हें जब तक अपनी जिम्मेदारी का एहसास नहीं होगा, सरकार के दावे खोखले ही साबित होते रहेंगे. अभी मधेुपरा जिले में पति द्वारा पत्नी के शव को गोद में उठा कर पोस्टमार्टम के लिए ले जाने का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि रविवार की सुबह सहरसा में स्वास्थ्य विभाग की ऐसी ही लापरवाही सामने आयी.
एक बार फिर मानवता शर्मसार हुई है. घटना जिले के सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के कनरिया ओपी के धनुपरा गांव की है, जहां नहाने के दौरान शनिवार की देर शाम नदी में डूबने से सात वर्षीय बच्चे की मौत हो गयी थी. स्वास्थ्य विभाग व पुलिस प्रशासन ने उस शव को पोस्टमार्टम कराने की बात तो कह दी, लेकिन पोस्टमार्टम के लिए शव को जिला मुख्यालय स्थित पोस्टमार्टम हाउस तक पहुंचाने की कोई व्यवस्था नहीं की गयी.
परिजनों को रविवार की सुबह शव को लेकर 25 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय आना पड़ा. बाइक पर शव को लाते देख लोगों के रोंगटे खड़े हो गये. लोगों ने व्यवस्था पर आक्रोश जताते दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है. परिजनों ने मामले की सूचना स्थानीय पुलिस को दी थी. पुलिस ने बच्चे के शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा. पुलिस द्वारा शव ले जाने के लिए वाहन उपलब्ध नहीं कराने पर परिजन बाइक से शव को लेकर सदर अस्पताल स्थित पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे. वहीं अन्य परिजनों के साथ चौकीदार अविनाश मंडल भी था.
इस संबंध में पुलिस निरीक्षक सत्यनारायण राय ने कहा कि मामले की जानकारी मिली है. कनरिया ओपी प्रभारी से संपर्क नहीं हो पा रहा है. संपर्क होने पर जानकारी लेने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.