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अब मोबाइल जैसा रिचार्ज करा बिजली का उपयोग कर सकेंगे : CM नीतीश

सहरसा : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिजली उपभोक्ताओं को मीटर रीडिंग या बिल जमा करने के झंझट से मुक्त करने की दिशा में काम हो रहा है. केंद्र सरकार से पहले बिहार सरकार प्रीपेड बिल पर काम शुरू कर चुकी है. तीन साल लगेंगे, फिर लोगों को इसका फायदा मिलने लगेगा. उपभोक्ता मोबाइल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 20, 2019 9:04 AM

सहरसा : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिजली उपभोक्ताओं को मीटर रीडिंग या बिल जमा करने के झंझट से मुक्त करने की दिशा में काम हो रहा है. केंद्र सरकार से पहले बिहार सरकार प्रीपेड बिल पर काम शुरू कर चुकी है. तीन साल लगेंगे, फिर लोगों को इसका फायदा मिलने लगेगा. उपभोक्ता मोबाइल की तरह आवश्यकता के अनुसार रिचार्ज करा बिजली का उपयोग कर सकेंगे. मुख्यमंत्री जिले के सिहौल में शनिवार को 400 केवी पावरग्रिड सब स्टेशन का शिलान्यास करने के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे. नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में बिजली बिल की गड़बड़ी कोई नयी समस्या नहीं है. बोर्ड के समय से ही गलत बिजली से लोगों की परेशानी बनी हुई है. कंपनियों को जिम्मा देने के बाद भी परेशानी बनी रही, तो मैंने विभाग को प्रीपेड बिल पर काम करने का निर्देश पूर्व में दे दिया था. अब केंद्र भी इस योजना पर काम कर रहा है.

सीएम ने कहा कि बिजली का उपभोग करने के साथ लोगों को बिजली की बचत पर भी ध्यान देना होगा. उन्हें अक्षय ऊर्जा का अधिक-से-अधिक उपयोग कर पृथ्वी व पर्यावरण के हितों की रक्षा में भागीदार बनना होगा, क्योंकि यह बिजली कोयला से बनती है और कोयला का भंडार सीमित है. नीतीश ने कहा कि घर-घर बिजली पहुंचाने के बाद हमारा अगला लक्ष्य इसी साल दिसंबर महीने तक सभी जर्जर तारों को बदलने और अलग कृषि फीडर बनाने का है. इस पर लगातार काम चल रहा है. पावरग्रिड उपकेंद्र बनने से सहरसा सहित आसपास के चार जिलों को 24 घंटे निर्बाध रूप से बिजली मिलेगी.

केंद्र व राज्य सरकार ने किया है सूबे में बदलाव : आरके सिंह
केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री आरके सिंह ने कहा कि साढ़े चार वर्षों में केंद्र की मोदी व बिहार की नीतीश सरकार ने मिलकर राज्य में काफी बदलाव किया है, खासकर बिजली के क्षेत्र में. उन्होंने कहा कि इन साढ़े चार वर्षों में देश के 2.60 करोड़ लोगों को बिजली कनेक्शन देकर रिकॉर्ड कायम किया है. उत्पादन व गांव-गांव तक बिजली पहुंचाने के बाद वितरण की दिशा में हम काफी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. केंद्र सरकार की दीन दयाल ज्योति योजना व आइपीडीएलसी के तहत बिहार सरकार को 15 हजार करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी है. अगले तीन वर्षों में देश भर में प्रीपेड बिल भुगतान की योजना शुरू हो जायेगी.

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