पति की शराब छुड़ाने में गौरी को झेलनी पड़ी यातनाएं, मासूम बेटे से किया गया दूर, काट दी गयी चोटी, फिर…
सहरसा : पति को शराब की लत और शराब का कारोबार छुड़ाना गौरी को महंगा पड़ गया. गौरी को कई बार शारीरिक व मानसिक यातनाएं झेलनी पड़ी. ससुरवालों ने गौरी के साथ मारपीट ही नहीं, बल्कि यातनाएं की सारी हदें पार कर दी. गौरी के चोटी तक काट लिये गये. बाद में उसके बाल तक […]
सहरसा : पति को शराब की लत और शराब का कारोबार छुड़ाना गौरी को महंगा पड़ गया. गौरी को कई बार शारीरिक व मानसिक यातनाएं झेलनी पड़ी. ससुरवालों ने गौरी के साथ मारपीट ही नहीं, बल्कि यातनाएं की सारी हदें पार कर दी. गौरी के चोटी तक काट लिये गये. बाद में उसके बाल तक कुतर दिये गये. उसके दो साल के मासूम बेटे को ससुरवालों ने रखकर गौरी को घर से निकाल दिया. फिर भी गौरी ने हार नहीं मानी. बच्चे और पति को पाने के लिए वह बार-बार ससुराल के चौखट पर गयी. थाना सहित पुलिस पदाधिकारियों को भी मामले से अवगत कराया. मगर गौरी की किसी ने नहीं सुनी. बाद में 19 जनवरी को गौरी महिला हेल्प लाइन पहुंची, जहां दोंनों पक्षों को बुलाया गया. काउंसिलिंग के बाद हेल्प लाइन पदाधिकारी ने ससुराल वालों को दो साल के मासूम को गौरी को सौंपने के लिए कहा. बच्चे को पाकर गौरी तो खुश हुई. मगर अब पति को सुधरने के बाद सुसराल में रहना चाहती है. फिलहाल गौरी अपने मां-बाप के साथ मायके में रह रही है.
वर्ष 2010 में हुई थी गौरी की शादी
महिषी प्रखंड के लखनी गांव की 26 वर्षीय गौरी एक पढ़ी-लिखी महिला है. पिता गंगा राम और आंनदी देवी की छोटी बेटी गौरी है. गौरी की बड़ी बहन की शादी भी हो चुकी है. घर में गौरी का तीन भाई भी है. वर्ष 2010 में गौरी की शादी बनगांव के बसौना के किसान कामेश्वर राम के छोटे बेटे संतोष से थी. गौरी के तीन पुत्र हैं. बड़ा बेटा छह साल का प्रिंस, मझला बेटा चार साल का व सबसे छोटा बेटा रिशिराज है. संतोष का घर में देशी शराब का कारोबार था. गौरी ने बताया कि शादी के बाद वह शराब के कारोबार का विरोध करती थी. वर्ष 2016 शराबबंदी के बाद जब वह पति को सुधारने की दृष्टिकोण से पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने की धमकी देती थी, तो उसके साथ मारपीट कर घर से निकालने की धमकी भी दी जाती थी. गौरी ने बताया कि पहले तो चुपचाप देखते रही. मगर पति को शराब कारोबार में लिप्त व शराब पीता देख बीते दिसंबर उसने पुलिस में शिकायत कर दी. 26 दिसंबर को पुलिस ने संतोष को पकड़कर जेल भेज दिया. गौरी ने बताया कि पति को सुधारने के लिए ही उसे जेल भेजवायी. गौरी ने बताया कि पति के जेल जाने के बाद ससुरवालों ने उस पर कई जुल्म ढाये. हर दिन उसके मारपीट कर उसको पागल बनाने की कोशिश की गयी. रात में सोने के बाद उसका चोटी काटकर उसके बाल तक कुतर दिये गये. गौरी ने बताया कि बाद में उसे घर से निकाल दिया गया. सुसर व सास उर्मिला देवी ने उसके दो साल के मासूम को अपने पास ही रख लिया. जबकि, बच्चा अपनी मां के पास ही रहना चाहता था.
जनवरी में मामला पहुंचा हेल्प लाइन
गौरी ने बताया कि उसने हर जगह थाना पुलिस में मामले की रिपोर्ट दी. कहीं भी उसे इंसाफ नहीं मिल सका. बाद में थक कर 19 जनवरी को महिला हेल्प लाइन पहुंची. वहीं, महिला हेल्प ने दोनों पक्षों को बुलाया. कामेश्वर राम व संतोष का भाई अशोक ने बताया कि गौरी के साथ किसी ने मारपीट नहीं की. बल्कि, वह खुद ही ससुराल में रहना नहीं चाहती है. हर दिन किसी न किसी पर झगड़ा कर मायके चली जाती है. वहीं, गौरी की ननद ने भी बताया कि गौरी पर लगाया गया हर आरोप बेबुनियाद है. वह आज भी गौरी को रखना चाहती है.
बेटे को गोद में लेते ही रो पड़ी गौरी
महिला हेल्प लाइन में मामला आने के बाद दोनों पक्षों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया था, जहां पदाधिकारी ने कानूनी कार्रवाई की बात कर दो साल के मासूम को गौरी को सौंपने की बात कही. ससुरालवालों ने दो साल साल के मासूम को गौरी को सौंप दिया. दो साल के मासूम को गोद में आते ही गौरी रो पड़ी. अब गौरी का कहना है कि पति के जेल से रिहा होने के बाद वह पति के साथ अच्छा जीवन व्यतीत कर ससुराल में ही रहना चाहती है.
क्या कहती हैं अधिकारी
महिला हेल्प लाइन की परियोजना प्रबंधक मुक्ति श्रीवास्तव ने बताया कि गौरी ने शराबी पति को जेल पहुंचाया था. गौरी का आरोप है कि उसे बाल तक कुतर दिये गये. उसे ससुराल से भी निकाल दिया गया. दो साल के बेटे को मां के पास नहीं आने दिया गया. दोनों पक्षों को दो बार काउंसिलिंग के बुलाया गया था. गौरी के सास व ससुर काफी वृद्ध हैं. दो साल के मासूम का पालन नहीं कर सकते हैं. इसलिए गौरी को उसका बेटा सौंप दिया गया है.