24 घंटे में औसतन 30 बार बंद होता है रेलवे फाटक, रोज लगता है महाजाम

सहरसा : सहरसा शहर जाम और महाजाम की समस्या से त्रस्त है. औसतन प्रत्येक 40 मिनट पर रेल का फाटक गिरता है और फाटक के दोनों ओर जाम लग जाता है. सिर्फ बंगाली बाजार और गंगजला रेलवे ढाला के गिरने से लगभग पूरा शहर हलकान हो जाता है. क्योंकि इन्हीं दोनों ढालों से शहर के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 15, 2019 2:05 AM

सहरसा : सहरसा शहर जाम और महाजाम की समस्या से त्रस्त है. औसतन प्रत्येक 40 मिनट पर रेल का फाटक गिरता है और फाटक के दोनों ओर जाम लग जाता है. सिर्फ बंगाली बाजार और गंगजला रेलवे ढाला के गिरने से लगभग पूरा शहर हलकान हो जाता है.

क्योंकि इन्हीं दोनों ढालों से शहर के सभी प्रमुख बाजार जुड़े हुए हैं. शहर को इस जाम से निजात दिलाने में सिर्फ ओवरब्रिज ही सक्षम है. लेकिन तीन बार शिलान्यास होने के बाद भी यह योजना पिछले 22 वर्षों से यहां के राजनैतिक चक्रव्यूह में फंसा है.
हर बार चुनाव के समय यह मुद्दा उठता है और चुनाव के ठीक बाद शांत हो जाता है. शहर को दो भागों में बांटने वाले इन रेल की पटरियों के कारण रोज बार-बार लगने वाले जाम और महाजाम झेलने को लोग बिवश बने हुए हैं.
पिक आवर में ही गिरता है ढाला : सहरसा जंक्शन से समस्तीपुर के लिए रोज पांच, जमालपुर के लिए एक, पूर्णिया के लिए तीन, बरहरा कोठी के लिए एक व गढ़ बरुआरी के लिए एक पैसेंजर ट्रेन खुलती है.
इसके अलावे रोज चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेन में पटना के लिए कोसी, राज्यरानी, इंटरसिटी, जनहित, जयनगर-कटिहार के लिए जानकी, सियालदह के लिए हाटेबाजारे एवं दिल्ली तक जाने वाली वैशाली एक्सप्रेस शामिल है.
सप्ताह में तीन दिन दिल्ली के रास्ते अमृतसर के लिए गरीबरथ, दो दिन आनंदविहार (दिल्ली) के लिए पूरबिया, दो दिन दिल्ली के लिए कटिहार-दिल्ली हमसफर, आनंदविहार के लिए दो दिन जनसाधारण एक्सप्रेस, अमृतसर के लिए एक दिन जनसाधारण एक्सप्रेस, बांद्रा के लिए एक दिन सहरसा-बांद्रा एक्सप्रेस खुलती है.
दक्षिण की ओर से आने वाली हर ट्रेन के आने पर क्रॉसिंग संख्या 30 एवं इंजन शंटिंग के लिए क्रॉसिंग नंबर 31 व 32 एक साथ बंद होता है. इसके अलावे मालगाड़ियों के आने पर भी ये तीनों क्रॉसिंग बंद होते हैं. बता दें कि इनमें से काफी कम रेलगाड़ी है जो रात में आती है या जिनके इंजन की शंटिंग रात में होती है.(
80 से 90 फीसदी ट्रेनों का परिचालन और उसके इंजन शंटिंग की जरूरत दिन में ही होती है. पिक आवर में ही अधिक गिरते हैं. लिहाजा क्रॉसिंग बंद होने से दिन भर जाम लगा रहता है. ट्रेनों की संख्या बढ़ने के साथ अभी यह परेशानी और बढ़ती ही जायेगी.

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