मामा-भांजे को दुष्कर्म मामले में 20 वर्ष कैद

सहरसा कोर्ट : अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम चन्द्र मोहन झा की अदालत ने अपहरण कर दुष्कर्म के एक मामले में कुम्हारपुर बिहारीगंज निवासी मोजाहिद अनसारी तथा शमशुद्दीन उर्फ शमशाद आलम जो आपस में मामा भान्जा है, को विभिन्न धाराओ में सजा सुनायी. भादवि की धारा 376 डी के अन्तर्गत 20 वर्ष का सश्रम कारावास तथा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2019 8:27 AM

सहरसा कोर्ट : अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम चन्द्र मोहन झा की अदालत ने अपहरण कर दुष्कर्म के एक मामले में कुम्हारपुर बिहारीगंज निवासी मोजाहिद अनसारी तथा शमशुद्दीन उर्फ शमशाद आलम जो आपस में मामा भान्जा है, को विभिन्न धाराओ में सजा सुनायी.

भादवि की धारा 376 डी के अन्तर्गत 20 वर्ष का सश्रम कारावास तथा 20 हज़ार रुपये अर्थदंड, धारा 366 ए में 8 वर्ष कारावास एवं 8 हज़ार जुर्माना एवं पोक्सो एक्ट में 10 वर्ष का सश्रम कारावास तथा 10 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया गया. वहीं अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर अलग से एक वर्ष छह माह एवं छह माह की सजा भुगतनी होगी. मालूम हो कि पीड़िता के पिता ने 20 मार्च 2017 को बख्तियारपुर थाना में आवेदन देकर कहा कि मेरी पुत्री सुबह 9 बजकर 30 मिनट पर घर से स्कूल जाने के लिए निकली. लेकिन स्कूल बंद होने के बाद भी नहीं लौटी.
हमलोगों को संदेह है कि मेरी लड़की को कोई भगाकर शादी करने की नियत से अपहरण एवं हत्या करने की साजिश के तहत छुपा कर रखा है. उक्त वाद में अभियोजन की ओर से कुल आठ साक्षियों का परीक्षण कोर्ट में कराया गया तथा सरकार की तरफ से विशेष लोक अभियोजक पोक्सो इंद्रभूषण सिंह तथा मुदेय की ओर से मनोज कुमार ने पैरवी की.

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