जीएम के उद्घाटन बाद भी सहरसा जंक्शन पर यात्रियों को नहीं मिल रही लिफ्ट की सुविधा
सहरसा : 17 जनवरी को रेलवे के जीएम ललित चंद्र त्रिवेदी व डीआरएम अशोक महेश्वरी ने प्लेटफॉर्म नंबर एक व दो पर लिफ्ट का उद्घाटन किया था. इसके बाद भी अब तक यात्रियों को इसकी सुविधा सहरसा जंक्शन पर नहीं मिली है. जबकि जीएम के उद्घाटन के बाद ही इसे रेल यात्रियों के लिए खोल […]
सहरसा : 17 जनवरी को रेलवे के जीएम ललित चंद्र त्रिवेदी व डीआरएम अशोक महेश्वरी ने प्लेटफॉर्म नंबर एक व दो पर लिफ्ट का उद्घाटन किया था. इसके बाद भी अब तक यात्रियों को इसकी सुविधा सहरसा जंक्शन पर नहीं मिली है. जबकि जीएम के उद्घाटन के बाद ही इसे रेल यात्रियों के लिए खोल देना था.
लिफ्ट पर चढ़ने की आस में बुजुर्ग लाचार व बीमार यात्री जब पहुंचते हैं तो लिफ्ट बंद नजर आता है और यात्री ठगा महसूस करते हैं. पूछने पर रेल विभाग का कहना है कि जिस जॉनसन कंपनी ने लिफ्ट तैयार किया है, उसने रेलवे को अब तक इसे हैंडओवर नहीं किया है.
जबकि लिफ्ट का संचालन रेलवे विद्युत विभाग द्वारा किया जाना है. वहीं प्लेटफॉर्म नंबर 1 और 2 पर लिफ्ट संचालन के लिए दो कर्मचारी की भी तैनाती होनी है. बता दें कि सहरसा जंक्शन पर लिफ्ट के निर्माण में करीब दो साल का समय लग गया. करीब एक करोड़ 24 लाख की लागत से प्लेटफॉर्म नंबर 1 और 2 पर लिफ्ट का निर्माण कराया गया.
लिफ्ट के निर्माण का जिम्मा जॉनसन कंपनी पटना को दिया गया था. यात्रियों को उम्मीद जगी थी कि जीएम के उद्घाटन के बाद उन्हें एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए लिफ्ट की सुविधा मिल सकेगी. लेकिन उद्घाटन के पांच दिन बीतने के बाद भी रेल यात्रियों को लिफ्ट की सुविधा नहीं मिल सकी है.
रेल विभाग का कहना है कि जिस जॉनसन एजेंसी को लिफ्ट का निर्माण का जिम्मा सौंपा गया था, उसने अभी तक रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर विद्युत विभाग को हैंड ओवर नहीं किया है. वहीं जॉनसन कंपनी ऑथरिटी के अनुसार रेलवे द्वारा लिफ्ट निर्माण की बकाया राशि अब तक जमा नहीं की गयी है. इस वजह से हैंडओवर करने में देरी आ रही है.
अधिकारी पक्ष
जॉनसन कंपनी पटना को सहरसा जंक्शन पर लिफ्ट निर्माण का जिम्मा दिया गया था. लिफ्ट पूरी तरह से तैयार है. जीएम इसका उद्घाटन भी कर चुके हैं.
जॉनसन कंपनी की जो रेलवे की बकाया राशि है, रेल विभाग ने बिल को पटना ऑथरिटी को पुटअप कर दिया है. कंपनी ने अब तक पुटअप बिल को नहीं लिया है. एक-दो दिनों में यह सभी प्रक्रिया पूरी हो जायेगी. इसके बाद ऑथरिटी द्वारा हैंडओवर कर दिया जायेगा. फिर लिफ्ट सीनियर सेक्शन इंजीनियर रेल विद्युत के अधीन होगा और इसे यात्रियों के लिए खोल दिया जायेगा.
जयप्रकाश, सहायक मंडल रेल इंजीनियर समस्तीपुर