सहरसा / सिमरी: नयी-नयी सत्ता मिली है, इसलिए हाथ छोड़ कर चला रहे हैं. अमित शाह अपनेआप को देश का सबसे बुद्धिमान समझते हैं. देश धर्म से नहीं, सोच और विचार से चलता है. देश में रहनेवाले तमाम लोगों से बना है. चाहे हिंदू हो या मुसलमान, चाहे सिख हो या इसाई, देश में सब समान हैं. यह देश एक बार धर्म के आधार पर बंट चुका है. अब नहीं बंटने देंगे. यह देश टीका लगानेवाले का और टोपी लगानेवालों दोनों का है. उक्त बातें सहरसा जिला अंतर्गत सिमरी बख्तियारपुर स्थित रानीबाग में चल रहे सीएए और एनआरसी के विरोध में चल रहे अनिश्चितकालीन जनसभा को संबोधित करते हुए जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहीं.
कन्हैया ने कहा कि यह देश फूट डालो और शासन की नीति से नहीं चलेगा. सत्ता में बैठे लोग यह जान लें कि हम आपकी साजिशों को समझते हैं. धर्म के नाम पर युवाओं को भड़काया जा रहा है. इस देश के लोगों को धर्म के नाम पर उलझा कर बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था आदि से ध्यान हटाया जा रहा है. यह लड़ानेवाले नेता अपने बेटे को बीसीसीआई प्रमुख बनाते हैं और आपके बच्चे को पत्थर थमा देते हैं. समान काम का समान वेतन नहीं मिल रहा है. बिहार में बीए तीन साल का पांच साल लगता है. उन्होंने कहा कि देश गोडसे को नहीं, गांधी को अपना बापू मानता है. इस देश की एकता को कोई तोड़ नहीं सकता.
उन्होंने कहा कि देश भर में एनआरसी, एनपीआर और सीएए के विरोध में जनसभाओं में उमड़ रहा सैलाब सब कुछ दर्शा रहा है. लड़ाई लड़ने के लिए चेहरे की जरूरत नहीं होती है. संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ, देश बचाओ अभियान के तहत हर कोई इस काला कानून का विरोध कर रहा है. काला कानून वापस लेना ही होगा. उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सरकार के खिलाफ नहीं, आनेवाली पीढ़ियों के लिए लड़ी जा रही है. साथ ही जनता के हक के लिए, तिरंगा के लिए और लोकतंत्र बचाने के लिए हो रहा है और इसी को लेकर ये जन-गण-मन यात्रा निकाली गयी है. कन्हैया ने कहा कि 29 तारीख को पटना में जन-गण-मन यात्रा पूरी होगी. 29 तारीख को पटना के गांधी मैदान में आने के लिए आपलोगों को आमंत्रण देने आया हूं.