सहरसा. व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश पोक्सो कृष्ण कुमार चौधरी की अदालत ने बिहरा थाना क्षेत्र के दोरमा निवासी दोष सिद्ध अभियुक्त सनिश कुमार को दुष्कर्म करने के मामले में दो धाराओं में सजा सुनायी. दोष सिद्ध अभियुक्त को भादवि की धारा 376 के तहत 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं 25 हजार रुपये का जुर्माना किया गया. जुर्माने की रकम जमा नहीं करने की स्थिति में तीन महीने की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी. वहीं पोक्सो की धारा चार में 20 वर्ष का कठोर कारावास तथा 25 हजार का अर्थदंड किया गया. अर्थदंड नहीं देने पर 3 माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. दोनों सजाएं साथ-साथ चलेगी. अभियुक्त के द्वारा कारा में बितायी गयी अवधि को सजा में समायोजित किया जायेगा. अर्थदंड की पचास हजार की राशि पीड़िता को चिकित्सीय उपचार के लिए दी जायेगी. इसके अलावा न्यायालय ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार को भी पीड़िता के उज्ज्वल भविष्य एवं पुनर्वास शारीरिक, मानसिक हानि एवं स्वास्थ्य के लिए जांच के बाद तीन लाख मुआवजा देने का भी आदेश दिया. न्यायालय में बहस के दौरान विशेष लोक अभियोजक कृष्ण मुरारी प्रसाद ने कहा कि अभियुक्त को यौन शोषण करने का दोषी पाया गया है. इसलिए अधिकतम सजा दी जाये. जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता की ओर से कहा गया कि ग्रामीण गंदी राजनीति तथा आपसी रंजिश के तहत झूठे मुकदमे में फंसाया गया है. दोष सिद्ध अभियुक्त का यह पहला अपराध है. इसलिए कारा अवधि को ही सजा मान कर मुक्त कर दिया जाये. अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में पीड़िता, प्राचार्य तथा आइओ सहित कुल सात साक्षियों का साक्ष्य प्रस्तुत किया गया. जिन्होंने घटना का पूर्ण समर्थन किया. मालूम हो कि उक्तवाद की पीड़िता की मां ने बिहरा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी कि आरोपित सनिश कुमार तथा अन्य लोगों ने हथियार के बल पर पीड़िता को रात 11 बजे जब पीड़िता शौच के लिए जा रही थी, तब जबरदस्ती मुंह बंद कर बाहर की ओर ले गया और दुष्कर्म किया.
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