बिजली बचायेगा शशिधर का बोर्ड
सहरसा : महिषी प्रखंड के पस्तवार स्थित लहटन चौधरी महाविद्यालय के बारहवीं के छात्र शशिधर कुमार ने एक ऐसे बिजली बोर्ड का आविष्कार किया है, जिससे व्यर्थ व भूलवश खर्च होने वाली बिजली को बचाया जा सकता है. यह एक स्वचालित (ऑटोमेटिक) बोर्ड है, जो समय अंतराल से काम करेगा और तय किये गये समय […]
सहरसा : महिषी प्रखंड के पस्तवार स्थित लहटन चौधरी महाविद्यालय के बारहवीं के छात्र शशिधर कुमार ने एक ऐसे बिजली बोर्ड का आविष्कार किया है, जिससे व्यर्थ व भूलवश खर्च होने वाली बिजली को बचाया जा सकता है. यह एक स्वचालित (ऑटोमेटिक) बोर्ड है, जो समय अंतराल से काम करेगा और तय किये गये समय के अनुसार स्वत: ऑन और ऑफ हो जाया करेगा.
लोगों की गलती का रखेगा ख्याल : कभी-कभी लोग टेलीविजन देखते-देखते सो जाते हैं. टीवी खुली ही रह जाती है. अचानक किसी काम के याद आने पर घर की बिजली बत्ती, पंखे या अन्य उपकरणों को चलता ही छोड़ निकल जाते हैं. यह बोर्ड लोगों की ऐसी ही गलती पर नियंत्रण रखेगा. बस उसमें उपयोग करने का समय निर्धारित करना होगा. एक स्वचालित बोर्ड में कई उपकरणों का कनेक्शन दिया जा सकता है.
कैसे काम करता है बोर्ड : इस बोर्ड में एक गोलाकार पहिया लगाया गया है, जो आधे सुचालक व आधे कुचालक पदार्थ का बना होता है. पहिया हल्का हो इसका खास ख्याल रखा गया है. इस पहिए को निरंतर घुमाने के लिए पेंसिल बैटरी का उपयोग किया गया है. इस पहिए को 24 घंटे में बांट कर विभिन्न बिंदुओं से आउटपुट वायर निकाले गये हैं. जिस बिजली उपकरण को जितनी देर चलाना है, उसे उस अनुसार इस आउटपुट वायर से जोड़ देना है.
वह आउटपुट प्वाइंट निर्धारित किये गये समय के अनुसार सुचालक बिंदु से सट जायेगा और उपकरण में बिजली प्रवाहित होने लगेगी. समय सीमा समाप्त होते ही यह प्वाइंट घूम कर कुचालक बिंदू की ओर चला जायेगा और बिजली की सप्लाई बंद हो जायेगी.
पानी से चलाया था पंपसेट व गाड़ी : सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के अत्यंत सुदूर गांव बेलवाड़ा के किसान माणिक चंद्र यादव के पुत्र शशिधर कुमार ने दो साल पूर्व पानी में विशेष केमिकल मिला कर एक नये ईंधन का ईजाद किया था. इसका उपयोग कर छात्र ने पंपसेट व लग्जरी गाड़ी चला कर इसे प्रमाणित की थी. उसके इस फामरूले पर बीएचयू में शोध हुआ था. यह अभी मुंबई के रिसर्च सेंटर में प्रस्तावित है.