इयरफोन बना मौत का कारण!

सहरसा : बुधवार की सुबह सड़क पर लोगों की आवाजाही शुरू भी नहीं हुई थी कि खूनी ट्रक ने बारहवीं के छात्र मो अमजद को काल के गाल में भेज दिया. घटना के बाद शहर के लोग तीन वर्ष पूर्व दिसंबर माह की 29 तारीख को याद करने लगे. व्यवसाय से जुड़े लोग अनहोनी की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2014 9:21 AM
सहरसा : बुधवार की सुबह सड़क पर लोगों की आवाजाही शुरू भी नहीं हुई थी कि खूनी ट्रक ने बारहवीं के छात्र मो अमजद को काल के गाल में भेज दिया. घटना के बाद शहर के लोग तीन वर्ष पूर्व दिसंबर माह की 29 तारीख को याद करने लगे. व्यवसाय से जुड़े लोग अनहोनी की घटना को याद कर अपनी-अपनी दुकान खोलने से हिचकने लगे. लेकिन पुलिस की तत्परता से शहर जलने से बच गया.
घटना की सूचना मिलते ही सदर थानाध्यक्ष सूर्यकांत चौबे दल बल के साथ घटनास्थल महावीर चौक पहुंचे. छात्र को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा. वही ट्रक सहित खलासी को हिरासत में लेकर थाना भेजा गया.
जन्म के बाद से ही नाना नानी के साथ रहता था
मृतक जन्म से ही नाना-नानी के साथ रहता था. मूलरूप से लक्ष्मीनिया महिषी निवासी मृतक अमजद अपने मामा मो बबलू के मीर टोला स्थित घर में रह कर पढ़ाई करता था. तीन भाई व एक बहन में सबसे बड़े अमजद को अपने माता पिता से ज्यादा नाना नानी व मामा मामी से लगाव था. नाना की मौत के बाद भी मामा मामी से लगाव में कोई कमी नहीं हुई. छात्र के मामा बबलू ने बताया कि अमजद के बिना घर सूना लगता था. कभी एक दो दिन के लिए भी अपने माता पिता के पास चला जाता था तो हमलोग जाने नहीं देना चाहते थे. साल में एक दो बार ही मुश्किल से एक दो दिन के लिए जाता था. छात्र के पिता मो शकील अपने गांव बेलोन समस्तीपुर में ही परिवार के सदस्यों के साथ रहते है. परिजनों ने बताया कि मृतक परिवार सहित समाज का काफी दुलारा था. मौत की सूचना मिलते ही नानी अजीजुर निशा, नवीशा खातून सहित परिजनों का रो रो कर बुरा हाल था. लोग परिजनों को ढ़ांढ़स बंधाने अंदर तो जाते थे लेकिन अंदर में परिजनों की हालत व छात्र का शव देख खुद रो पड़ते थे.

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