विश्व सद्भाव के लिए दौड़ा सहरसा

सद्भावना दौड़ में शामिल हुए पांच हजार से अधिक महिला व पुरुष सहरसा : विश्व में सद्भावना की स्थापना के लिए रविवार की सुबह सद्भावना दौड़ में पांच हजार से अधिक महिला व पुरुषों ने भाग लिया. प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस दौड़ को विभिन्न धर्मो के धर्मगुरुओं ने झंडी दिखा रवाना किया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2014 9:25 AM
सद्भावना दौड़ में शामिल हुए पांच हजार से अधिक महिला व पुरुष
सहरसा : विश्व में सद्भावना की स्थापना के लिए रविवार की सुबह सद्भावना दौड़ में पांच हजार से अधिक महिला व पुरुषों ने भाग लिया. प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस दौड़ को विभिन्न धर्मो के धर्मगुरुओं ने झंडी दिखा रवाना किया.
जिला परिषद परिसर से शुरू हुई सद्भावना दौड़ डीबी रोड, शंकर चौक, दहलान चौक, महावीर चौक, मीर टोला, गांधी पथ होते पुन: डीबी रोड के रास्ते जिला परिषद परिसर पहुंच समाप्त हुआ. सद्भावना दौड़ में भाग लेने वालों का उत्साह देखते ही बन रहा था. वे ओम शांति, प्राणियों में सद्भाव हो, विश्व का कल्याण हो जैसे नारे लगा रहे थे. मन व वचन से पूरी सात्विकता बनी हुई थी. दौड़ में डीडीसी एचएन दूबे, एसडीओ राजेश कुमार सहित अर्जुन दहलान, अरूण कुमार अग्रवाल, केदार नाथ गुप्ता, जिला अल्पसंख्यक पदाधिकारी जटाशंकर झा, दमयंती देवी, सुषमा दहलान सहित हजारों अन्य शामिल थे.
इससे पूर्व अलविदा तनाव कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करती ब्रह्मकुमारी पूनम बहन ने कहा कि दुख की उत्पत्ति मन में भेदभाव पनपने से होती है. हम धर्म-जाति, ऊंच-नीच, अमीरी-गरीबी, देशी-विदेशी के बंधन में बंधे हैं. हमें इस जकड़न से स्वयं को स्वतंत्र करना होगा. सबको अंतरात्मा से अपना समझना होगा. इंसानियत को अपना धर्म व परोपकार को अपना कर्तव्य समझना होगा. दूसरों के दुख को खुद की तकलीफ समझनी होगी. जरूरतमंद इनसान की आगे बढ़ मदद करनी होगी. पूनम बहन ने कहा कि एक बार मन में वसुधैव कुटुम्बकम को अपनाकर देखें.
आत्म संतुष्टि मिलेगी. आत्म संतुष्टि मिलेगी. तभी जीवन सार्थक होगा. तनाव मुक्ति विशेषज्ञ पूनम बहन ने मौजूद लोगों के हाथ में जलते कैंडल के साथ सद्भाव का संकल्प दिलाया. इस मौके पर आचार्य शिवानंद जी महाराज, मुस्लिम धर्म के मौलवी हनीफ कुरैशी, इसाई धर्म से फादर जोकी, सिक्ख धर्म के जसवीर सिंह ने भी लोगों को सद्भाव का पाठ पढ़ाया.

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