ट्रेनों में कैसे सुरक्षित हो सफर
सहरसा : रेल में यात्री सुरक्षा को लेकर कितने भी दावे क्यों नहीं कर लिए जायें, लेकिन हकीकत वास्तविकता से कोसों दूर है. एक तरफ यात्री जहां रेल से सफर करने में अपने आप को महफूज व सुरक्षित समझते हैं वही इन यात्रियों की सुरक्षा को लेकर रेल पुलिस की कमी के कारण ही आये […]
सहरसा : रेल में यात्री सुरक्षा को लेकर कितने भी दावे क्यों नहीं कर लिए जायें, लेकिन हकीकत वास्तविकता से कोसों दूर है. एक तरफ यात्री जहां रेल से सफर करने में अपने आप को महफूज व सुरक्षित समझते हैं वही इन यात्रियों की सुरक्षा को लेकर रेल पुलिस की कमी के कारण ही आये दिन ट्रेनों में यात्रियों के साथ लूटपाट व अन्य वारदातें होती रहती है.
शुक्रवार की रात्रि समस्तीपुर-बनमनखी 55533 सवारी गाड़ी में अपराधियों द्वारा लूट की घटना को अंजाम दिये जाने के बाद विरोध करने पर उन्हें अपराधियों की गोली का शिकार होना पड़ा. उस ट्रेन की यात्रियों की सुरक्षा के लिए मात्र चार सुरक्षा कर्मी तैनात थे, लिहाजा बेखौंफ अपराधी सुरक्षा कर्मियों को धता बताते हुए ट्रेन में प्रवेश कर लूट की घटना को अंजाम दिया. हालांकि अपराधियों की गोली का शिकार हुए घायल युवक मधेपुरा जिले के भीम कुमार रजक की माने तो उन्होंने अपराधियों से भिड़ंत दे दिया.
जिसके कारण अपराधी ट्रेन में बैठे अन्य यात्रियों को लूटने में नाकाम रहे. हालांकि रेल सूत्रों की माने तो रात्रिकालीन ट्रेनों में यात्री सुरक्षा को लेकर रेल पुलिस कहीं से भी गंभीर नहीं होती है. यात्रियों की सुरक्षा के लिए स्काउटिंग में जितनी सुरक्षा बल की आवश्यकता होनी चाहिए. उसे बढ़ाने के लिए रेल पुलिस के अधिकारी थोड़ी भी तत्परता नहीं दिखा रही है. लिहाजा रेल यात्री रात्रि ट्रेनों में अपना जान जोखिम में डाल यात्र करने पर विवश है.