घर नहीं बनानेवालों को आसानी से मिल जाता है दूसरा किस्त
पतरघट: प्रखंड क्षेत्र में सरकार द्वारा चलाये जा रहे इंदिरा आवास योजना व पुनर्वास योजना में क्षेत्र के कई पंचायतों में सरजमी पर सही तरीके से लाभुक को नहीं मिल पा रहा है. अगर मिला भी तो उसका सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है, जबकि उक्त योजना के संचालन के लिए कर्मी […]
जिसका लाभ कार्यालय में जमे बिचौलियों द्वारा उठाया जाता है. हालात यह है कि आज भी 70 प्रतिशत ऐसे लाभुक हैं, जिन्होंने इंदिरा आवास या पुनर्वास की प्रथम किस्त की राशि का उठाव तो कर लिया है, लेकिन घर बनाना तो दूर नींव तक की खुदाई नहीं की गयी है, जबकि 20 प्रतिशत ऐसे लाभुक हैं जो घर का काम पूर्ण भी कर चुके हैं. लेकिन उन्हें आज तक द्वितीय किस्त की राशि नहीं मिली है, लेकिन जिन्होंने घर नहीं बनाया है.
उसका भुगतान तुरंत किया जाता है. मामले को पेंचिदा बनाने में पंचायत सुपरवाइजर से लेकर कार्यालय सहायक व बिचौलिया की मुख्य भूमिका रहती है. इसके कारण वार्ड सदस्य व पंचायत सचिव आदि के पहचान पर एक ही लाभुक को दो-दो बार इंदिरा आवास आदि का लाभ संबंधित पदाधिकारियों की कृपा से मुहैया करा दिया जाता है. वही द्वितीय किस्त के लाभुकों द्वारा चढ़ावा देने के बाद वैसे लाभुकों को एक ही मकान का बार-बार अलग-अलग लाभुकों के साथ फोटो खिंचवा कर भुगतान की अनुशंसा कर दी जाती है. इस बाबत प्रखंड विकास पदाधिकारी परवेज आलम ने कहा कि कागजी जांच व पूरी प्रक्रिया किये जाने के बाद ही भुगतान सही लाभुक को किया जाता है. मेरे स्तर से कोई गड़बड़ी नहीं रहती है. अगर ऐसी शिकायत आयेगी तो जांच कर कार्रवाई की जायेगी.