सफलता प्राप्त करने वाले बच्चे कहते हैं कि बच्चों को जो अपने अनुसार ढाल कर पढ़ा पाये, अच्छा फैकेल्टी वही माना जाता है और रैंकर्स के फैकल्टियों में ऐसे गुण हैं, जो अलग-अलग बच्चों का कमजोर व मजबूत पहलू भांप कर उस अनुसार तैयारी कराता है. आइआइटी जेईई मेन्स के प्रकाशित रिजल्ट में संस्था के दो बच्चों को सफलता मिली थी. सोमवार को बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा 2015 में 24 बच्चों में से 08 बच्चों ने सफलता का परचम लहराया है.
इनमें बटराहा के सरोज कुमार सिंह की पुत्री भव्याश्री (रौल 351284) ने मेडिकल, नरियार के मो ख्वाजा के पुत्र जुनैद रहमानी (460803), थाना चौक के मो फिरोज आलम के पुत्र सैफ फिरोज (452012), धैलाढ़, मधेपुरा के अरुण चौधरी के पुत्र आदर्श आनंद (451651) ने मेडिकल, कटिहार के मोहन प्रसाद सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह (281846), भागलपुर के अधिकलाल मंडल की पुत्री ममता (180572) ने इंजीनियरिंग, शहर के रिफ्यूजी कॉलोनीके नरेश कुमार पासवान के पुत्र कुमार देवाशीष (460206) ने मेडिकल व पूर्णिया के सुबोध चौधरी के पुत्र आनंद (280384) ने इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा में सफलमा हासिल की है. इससे पूरे एकेडमी में हर्ष का माहौल है. मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ राजीव रंजन सिंह कहते हैं कि हमलोगों ने अपनी तरफ से बच्चों को परीक्षा के अनुसार तैयार कराने की कोशिश की. हमारे पास समय नहीं था.
मार्च से हमलोगों ने बच्चों को पढ़ाना शुरू किया था. इतने कम समय में इस प्रकार का रिजल्ट बताता है कि हमारी फैकेल्टी और बच्चों के मेहनत के साथ-साथ उनके लिए बनायी गयी विशेष पढ़ाई की रणनीति कामयाब हुई है. अगले वर्ष परीक्षाफल में सफल बच्चों की संख्या निश्चित रूप से बढ़ेगी. ज्ञात हो कि संस्था के श्याम कुमार जायसवाल (रौल 13006766) व विशाल आनंद (रौल 37419524) ने आइआइटी जेईई मेंस में सफलता हासिल की है. राजीव कुमार चौधरी के पुत्र श्याम गंगजला के बंफर चौक के रहने वाले हैं. सफलता से उत्साहित श्याम कहते हैं कि रैंकर्स के कारण ही मुङो सफलता मिली है. विशाल भी अपनी सफलता का सारा श्रेय रैंकर्स एकेडमी व उसके शिक्षकों को देते हैं. अपने पुत्र को बड़े इंजीनियर के रूप में देखने का सपना संजोये उसकी मां कहती है कि रैंकर्स एकेडमी ही मेरे सपनों को पूरा करने में मदद कर रही है. इसकी प्रतिभा को देख कर रैंकर्स ने इसे बिना फीस के पढ़ाया और आज मेरा बेटा इंजीनियर बनने की राह पर आगे बढ़ गया है. संस्था के डिप्टी डायरेक्टर पीके सिंह बताते हैं कि अभी 24 छात्रों में से 10 छात्र सफल हुए हैं. संस्था को इन बच्चों पर गर्व है. हमें विश्वास है कि ये सभी बच्चे भविष्य में भारत की शान बढ़ाने में मददगार होंगे.