चुनाव से पूर्व वोट हासिल करने के लिए शिलान्यास दर शिलान्यास का खेल होता रहा. लेकिन काम आज तक नहीं हुआ. बीते वर्ष प्रभात खबर ने इस योजना को जब मूर्त रूप दिलाने के लिए अभियान चलाया, तो लोगों की दबी पीड़ा उनकी जुबान तक आ गयी.
लंबे समय तक किसी जनप्रतिनिधि की नींद नहीं टूटी. प्रभात खबर द्वारा लगातार अभियान के दूसरे चरण में ओवरब्रिज की मांग को प्रमुखता से स्थान दिया जा रहा है. अब जब कुछ ही महीनों के बाद विधानसभा का चुनाव होना है, चुनावी घोषणापत्र में राजनीतिक दलों के उम्मीदवार से लेकर छुटभैये नेता को भी बंगाली बाजार में ओवरब्रिज की जरूरत महसूस होने लगेगी. राष्ट्रीय स्तर के कद्दावर नेता सांसद शरद यादव ने ओवरब्रिज के लिए सकारात्मक सहयोग का आश्वासन क्षेत्र की जनता को दिया था, जो अंतत: छलावा साबित हुआ है. प्रभात खबर द्वारा की जा रही रायशुमारी में पाठकों ने यह स्पष्ट कह दिया है कि उन्हें शिलान्यास दर शिलान्यास के बाद घोषणा दर घोषणा नहीं, काम चाहिए. अन्यथा ऐसे सभी जिम्मेवार आगामी चुनाव में जनता के निशाने पर होंगे.