नहीं हो रहा है सफाई का काम
सहरसा: नगर परिषद अपनी जिम्मेवारियों से हमेशा से भागता रहा है. सफाई के लिए समय अनुकूल होने के बाद भी परिषद का रुझान इस ओर नहीं बन पा रहा है. लिहाजा सड़कों पर कूड़े-कचरे का अंबार लगा हुआ है. कहीं भी कूड़ेदान की स्थिति ठीक नहीं कही जा सकती है. कहीं कूड़ेदान का पेंदा पूरी […]
सहरसा: नगर परिषद अपनी जिम्मेवारियों से हमेशा से भागता रहा है. सफाई के लिए समय अनुकूल होने के बाद भी परिषद का रुझान इस ओर नहीं बन पा रहा है. लिहाजा सड़कों पर कूड़े-कचरे का अंबार लगा हुआ है. कहीं भी कूड़ेदान की स्थिति ठीक नहीं कही जा सकती है. कहीं कूड़ेदान का पेंदा पूरी तरह कटा है तो कहीं कूड़ेदान कचरे से लबालब भरा है, उसके उठाव अथवा सफाई की जरूरत नहीं समझी जाती. नालों की दुर्दशा तो अकथनीय हो गयी है. कीचड़ से बजबजाते नाले हैजा, मलेरिया व फाइलेरिया जैसी बीमारियों को आमंत्रण दे रहे हैं, लेकिन नगर परिषद न तो उसकी सफाई पर गंभीर हो रहा है और न ही नालों या कचरों के पास डीडीटी या चूना का ही छिड़काव कर रहा है.
कूड़ेदान की हालत खराब
एक तो शहर में कूड़दान का वितरण जरूरत के हिसाब से नहीं, बल्कि पार्षदों व अधिकारियों के पसंदीदा जगहों पर हुआ है. जहां भी लगे हैं, उनकी हालत दयनीय है. कहीं कचरा भरा हुआ है, उसे उठाने वाला कोई नहीं है. कहीं कूड़ेदान का पेंदा ही गायब है, जिस कारण उसमें गंदा ठहरता ही नहीं है. कचरा वहीं आस-पास फैल कर बिखर जाता है. सूअर व कुत्ते उसमें अपना निवाला ढ़ूंढ़ने के लिए उसे और भी फैला देते हैं. ऐसा हाल न्यू कॉलनी सरकारी क्वार्टर के पास, गांधी पथ में मंदिर के पास, डीबी रोड के गुरुद्वारा गली में, पंचवटी सहित कई इलाकों में देखा जा सकता है.
बजबजा रही है गंदगी
कहने के लिए नप का कुदाल व कांटा यहां के नालों में चलता है, लेकिन स्थिति देखने के बाद ये सारी बातें सिर्फ झूठ साबित होती है. यदि कभी चलता भी है तो निकाले गये बाद व कचरों का उठाव नहीं किया जाता है. लिहाजा हवा व पानी फिर से सभी कचरे व गाद को वापस उसी नाले में गिरा देता है और स्थिति जस की तस बनी रहती है. शहर के सभी नाले जाम हैं. वे पानी का बहाव करने में अक्षम हैं.
ओवरफ्लो कर उसके गंदे पानी सड़कों पर फैलते हैं. न्यू कॉलनी वार्ड नंबर नौ स्थित कमिश्नरी क्वार्टर के ठीक पीछे की सड़क इसी कारण दो महीनों से भी अधिक समय से बंद है. नप कार्यालय से महज 50 कदम की दूरी पर गंगजला चौक के समीप तो नाले व सड़क का फर्क ही मिट चुका है.ये सभी गंदे नाले लोगों को बीमार बना रहे हैं, लेकिन नगर परिषद की चेतना नहीं जग रही है.