कुछ दिन और बरतें सावधानी, हीट स्ट्रोक का खतरा
सहरसा: अब शहर के लोगों को हीट स्ट्रोक (तीखी धूप व लू का असर) अपना शिकार बनाने लगा है. अब तक शहर में लू ने कई लोगों को अपना शिकार बना लिया है. अस्पताल में दर्जन भर लोग हीट स्ट्रोक से पीड़ित होने के बाद इलाज कराया. निजी अस्पतालों में भी कई मरीजों को भरती […]
सहरसा: अब शहर के लोगों को हीट स्ट्रोक (तीखी धूप व लू का असर) अपना शिकार बनाने लगा है. अब तक शहर में लू ने कई लोगों को अपना शिकार बना लिया है. अस्पताल में दर्जन भर लोग हीट स्ट्रोक से पीड़ित होने के बाद इलाज कराया. निजी अस्पतालों में भी कई मरीजों को भरती कराया गया है. डॉक्टरों ने लोगों को संभल कर रहने की नसीहत के साथ साथ बचाव के कई अहम टिप्स भी दिये हैं. अधिकतर लोगों के नींद खुलने से ही पहले सूरज अपने रौद्र रूप में आ जाता है और सुबह सवेरे से ही जलाने लगता है. इसके कारण लोगों की दिनचर्या गड़बड़ हो गयी है. चिड़चिड़ाहट, गुस्सा, बैचेनी बढ़ने लगी है.
उस पर बिजली भी दगा देने लगी हैं. सुबह आठ बजे के बाद पंखे से गरम हवा का प्रवाह बढ़ने लगता है, जो धीरे धीरे बढ़ता जाता है और ग्यारह बजे के बाद पूरी वेग से गरम हवा आने लगती है. पारा भी रूकने का नाम नहीं ले रहा. पारा के 42 के पार जाने और न्यूनतम तापमान के 29 पर आ जाने से पूरा वातावरण गरम हो चुका है. सुबह नौ दस बजे के बाद सड़क पर पैदल चल रहे पथिकों के चेहरे पर छलकते पसीने की बूंदें स्पष्ट देखी जा सकती है. दोपहर बाद तो सड़कों पर सिर्फ वे ही नजर आते हैं, जिन्हें शायद बाजार में कोई जरूरी काम होता है. गरमी का आलम यह है कि लोग फि र से बिजली के बारे में बातें करने लगे हैं और आग उगलती धूप को कोसने लगे हैं.
बच्चों के साथ आप भी रखें अपना ख्याल : बढ़ती गरमी ने लोगों खासकर छोटे बच्चों की दुश्वारियां बढ़ा दी है.
तेज धूप के कारण लोग जहां लू की चपेट में आ रहे हैं, वहीं हर पल बढ़ रहा पारा बच्चों के लिये परेशानियां खड़ा कर रहा है. बच्चे ही नहीं, बल्कि बूढ़े सहित हर उम्र के लोग अलग-अलग प्रकार की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. मौसम के मिजाज में आ रही गरमी के कारण वायरस इंफेक्शन तेजी से फैल रहा है और इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं बच्चे. डॉ विमल कुमार कहते हैं कि इस मौसम में सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को होती है. बच्चों को समय-समय पर पानी पिलाते रहना चाहिए.