मुकेश हत्याकांड की हो न्यायिक जांच

सहरसा सदर: विगत चार जून को सोनवर्षा थाना क्षेत्र के मनौरी गांव में मुकेश यादव को सोये हुए अवस्था में अपराधियों द्वारा गोली मार कर हत्या कर दिये जाने के आरोपी बनाये गये परिवार के सदस्यों ने डीआइजी व एसपी को आवेदन देते हुए उक्त हत्याकांड की सही न्यायिक जांच करने की मांग की है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 19, 2015 9:24 AM

सहरसा सदर: विगत चार जून को सोनवर्षा थाना क्षेत्र के मनौरी गांव में मुकेश यादव को सोये हुए अवस्था में अपराधियों द्वारा गोली मार कर हत्या कर दिये जाने के आरोपी बनाये गये परिवार के सदस्यों ने डीआइजी व एसपी को आवेदन देते हुए उक्त हत्याकांड की सही न्यायिक जांच करने की मांग की है. आरोपी परिवार की ओर से सुभद्रा देवी ने डीआइजी व एसपी को आवेदन देकर उक्त हत्याकांड में अपने पुत्र सहित परिवार के अन्य सदस्यों को हत्या का आरोपी बनाये जाने को लेकर मामले को झूठा बताया. आवेदिका ने उक्त अधिकारियों से गुहार लगाते हुए कहा कि पुरानी दुश्मनी व रंजिश के कारण मृतक मुकेश यादव के परिवार द्वारा उनके परिवार को उक्त मामले में बेवजह हत्यारोपी बनाया गया है.

आवेदिका ने आवेदन में कहा है कि उनके पति सुनील यादव उर्फ फूलो यादव की दिन दहाड़े मृतक के परिवार द्वारा एक साजिश के तहत हत्या कर दी गयी थी. जिस हत्याकांड में नरेश यादव, विलास यादव, बबलू यादव को हत्यारोपी बनाया गया था. विलास यादव व बबलू यादव अभी भी उक्त मामले में जेल में बंद हैं. जिसके लिए कई बार उनके परिवार के ऊपर केस उठाने व मेल मिलाप करने के लिए जबरदस्ती दबाव डालते रहे. इसी बीच मुकेश यादव की हत्या मुकेश यादव की हत्या हो जाने के कारण उनके परिवार को हत्यारोपी बनाकर घसीटने का प्रयास किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि मुकेश यादव शुरू से ही आपराधिक प्रवृत्ति के होने के कारण उनका कई लोगों से दुश्मनी चल रहा था इसलिए उक्त हत्याकांड के मामले की सही तरीके से उच्चस्तरीय जांच करवाने की मांग की गयी ताकि सही हत्यारोपी का पता चल सके. आवेदिका द्वारा कहा गया कि उक्त कांड में जिसे मुख्य आरोपी बनाया गया है उनका पुत्र दिलीप यादव हत्या के दो दिन पूर्व ही दो जून को मलेरिया के इलाज के लिए भागलपुर गया था जहां कमल कुमार लाल मेमोरियल चिकित्सालय में डॉ नीलेश कुमार लाल के देखरेख में दो से पांच जून तक उनका चिकित्सा उपचार अस्पताल में भरती रहकर किया गया. हत्या से एक दिन बाद पांच जून को अस्पताल से डिस्चार्ज होकर वे देर शाम अपने घर पहुंचे थे. इस तरह फिर कैसे उसे हत्याकांड का मुख्य आरोपी बताया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यदि निष्पक्ष जांच होगा तो सही आरोपी खुद ब खुद पुलिस की गिरफ्त में आ जायंगे. आवेदिका द्वारा बार-बार गुहार लगाते अधिकारियों से न्याय की मांग की गयी. ताकि हत्यारोपी के आरोप से उनका परिवार बरी हो सके.

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