माह- ए-रमजान : रोजेदारों ने बढ़ायी बाजार की रौनक

सहरसा नगर: माह-ए-रमजान के शुरू होते ही बाजार की रौनक बढ़ गयी है. नए-नए वस्त्र, फल, मेवा, इत्र, सेवइयां एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की ब्रिकी में कई गुणा का इजाफा हो गया है. ईद पर्व को लेकर इसलाम धर्मावलंबियों में उत्साह का माहौल चरम पर है. पुरुष गोटेदार कुर्ता पायजामा खरीदने में लगे हैं तो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 1, 2015 9:35 AM
सहरसा नगर: माह-ए-रमजान के शुरू होते ही बाजार की रौनक बढ़ गयी है. नए-नए वस्त्र, फल, मेवा, इत्र, सेवइयां एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की ब्रिकी में कई गुणा का इजाफा हो गया है. ईद पर्व को लेकर इसलाम धर्मावलंबियों में उत्साह का माहौल चरम पर है. पुरुष गोटेदार कुर्ता पायजामा खरीदने में लगे हैं तो महिलाएं फैंसी व आकर्षक सलवार कुरती की खरीदारी कर रही है. बच्चे भी अपने मनपसंद कपड़े खरीदने के लिए बाजार की दुकानों में जा रहे हैं.

ईद के मौके पर बुजुर्ग, अधेड़, युवा सहित बच्चों में तरह-तरह की टोपियों की भी ललक उन्हें बाजार की और खींच रही है. तुर्की, बंग्लादेशी, इंडोनेशियन, पल्ला सहित दुमजदार टोपियों से बाजार पटा है. ईद के फैशन में इत्र का भी विशिष्ट स्थान है. मजमुआ 96, फंटाशिया, माई च्वाइस ब्रांड के इत्रों की जबरदस्त मांग है.

लजीज व्यंजन से होता है इफ्तार : सेहरी व इफ्तार के लिये सेवइयां की बिक्री चरम पर है. पांच तरह की पांच दरों में उपलब्ध सेवई लोग अपने स्वाद के अनुसार खरीद रहे है. कलकत्ता का फिरनी, पटना का लच्छा सेवई मौजूद है ही पहली बार शहर में बनारसी सादा सेवई आया है. जो पूरी तरह तैयार है व इसकी कीमत भी सामान्य सौ रुपये प्रति किलों है. इसके अलावे काजू, किसमिस, मुनक्का, मेवा एवं खजूर की बिक्री भी परवान पर है. ईद के लिये पूरी तरह तैयार बाजार में खजूर भी तीन-चार किस्मों में उपलब्ध है. लोकल, इरानी के अलावे विशिष्ट स्वाद वाला सउदी अरबियन खजूर भी उपलब्ध है. हालांकि यह थोड़ा महंगा तो जरुर है लेकिन खोआ सा स्वाद रखने वाला इस खजूर के सामने कीमत मायने नही रखती है. डीबी रोड के रफत परवेज ने बताया कि रोजा में सभी प्रकार की पाबंदी का ख्याल रखा जाता है. जिसमें पांच वक्त का नमाज प्रमुख है.
पांच वक्त की नमाजी है शेख मोनिरा
11 वर्षीय शेख मोनिरा परवेज मछली बाजार निवासी रफत परवेज की पुत्री है. जो धार्मिक नियमों के तहत रोजा रखने का जज्बा रखती है. मोनिरा बताती है कि वह भी अहले सुबह अपने घरवालों के साथ उठ कर नमाज अता करने के बाद सेहरी करती है. मोनिरा रोजाना पांच बार नमाज अता करने के साथ ही दिन भर अल्लाह को याद करते कुरान शरीफ की आयतों को पढ़ती है. मोनिरा के जज्बे को देख मोहल्ले के अन्य बच्चें भी रोजा रख मिशाल कायम कर रहे है.

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